झारखंड:झारखंड विधानसभा ने पारित किए गए विधेयक के तहत नए कानून को मंजूरी दी है, जिसमें प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक करने पर कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। इसके अनुसार, पहली बार पकड़े जाने पर एक वर्ष की जेल और पांच लाख रुपए का जुर्माना होगा, जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। इस कानून के तहत पेपर लीक और नकल से जुड़े मामलों में भी बगैर प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का प्रावधान है, और ऐसे मामलों में जुर्माना ना देने पर तीन साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही, न्यायालय द्वारा सजा होने पर संबंधित अभ्यर्थी 10 वर्षों तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। यह कानून राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों, निगमों और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में लागू होगा।*
इस कानून में पेपर लीक से जुड़े मामलों के लिए सबसे सख्त प्रावधान हैं, जिसमें परीक्षाओं के संचालन से जुड़े व्यक्ति, एजेंसियां, प्रिंटिंग प्रेस, और षड्यंत्र में शामिल लोग दायरे में आएंगे। अगर कोई प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा आयोजित करने वाला प्रबंधन तंत्र, परिवहन से जुड़ा व्यक्ति या कोई कोचिंग संस्थान साजिशकर्ता की भूमिका निभाता है तो 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है, और इसमें 2 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।
*इस कदम से, सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में निष्ठा और ईमानदारी को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, जिससे अभ्यर्थियों को विश्वास मिलेगा और प्रतियोगिता में उनकी भागीदारी में सुरक्षा होगी।