नई दिल्ली: बड़ी खबर आ रही है, तीन आपराधिक विधेयकों को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है, जानिए इसकी बड़ी वजह…मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में औपनिवेशिक युग के अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को बदलने की मांग करते हुए तीन आपराधिक कानून विधेयक पेश कर सकते हैं।इसे संसदीय स्थायी समिति द्वारा की गई विभिन्न सिफारिशों के आधार पर फिर से तैयार किया गया है।
बताते चलें कि, सोमवार देर रात केंद्र सरकार ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किए गए तीन बिलों को वापस लेने की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 के अलावा अमित शाह क्रमशः जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने के प्रस्ताव वाले दो विधेयक भी पेश कर सकते हैं।एक व्यक्ति ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि ‘समिति की सिफारिशों के आधार पर, तीन आपराधिक कानून विधेयकों में संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं, जिन्हें गृह मंत्री मंगलवार शाम 5 बजे के आसपास दो अन्य विधेयकों के साथ पेश करेंगे।’बिलों की जांच गृह मामलों की स्थायी समिति द्वारा की गई। 6 नवंबर को अपनाई गई अपनी रिपोर्ट में इसने लगभग 50 संशोधनों का सुझाव दिया था।तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872, की जगह लेंगे।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने संसद को बताया ‘समिति की सिफारिशों के आधार पर, भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 में संशोधन प्रस्तावित हैं। भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 के स्थान पर एक नया विधेयक पेश करने का प्रस्ताव है।’