नई दिल्ली : देशभर में प्याज की महंगाई के चलते आए आंदोलनों और किसानों के विरोध के बाद, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्याज की निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस निर्णय ने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में किसानों के बीच विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया है।
समाचार के मुताबिक, मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें प्याज बाजार की वर्तमान स्थिति और किसानों की मांगों पर चर्चा हुई। उन्होंने सरकार की पूरी तरह से किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता को बयान किया और प्याज की उचित कीमतें सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
पहले ही सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) को चालू वित्त वर्ष में 7 लाख टन प्याज खरीदने का निर्देश दिया था। इस खरीद का पहला चरण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश से हो चुका है और गुजरात में भी किसानों से प्याज खरीदने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं।
किसानों की चिंताओं को देखते हुए मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और यह भी आश्वस्त किया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। साथ ही, निर्यात प्रतिबंध से किसानों की क्षमता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इस निर्णय से सारे देश में चर्चा के माध्यम से बढ़ती हुई प्याज की कीमतों पर सरकार ने नियंत्रण बैठाने का संकल्प किया है, जिससे किसानों को आर्थिक सहारा मिलेगा और उनकी उपज के लिए सही मूल्य मिलेगा।