*साढ़े छह साल बाद जेल से आए बाहर
झारखण्ड : राँची जिले के बुंडू के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में 9 अगस्त 2017 से जेल में बंद गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को जमानत मिल गई है। वह लगभग साढ़े छह साल बाद जेल से बाहर आएंगे। उन्हें झारखण्ड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जमानत दी है। अदालत ने उन्हें शर्त के साथ जमानत दी है। राजा पीटर के कस्टडी पीरियड और ट्रायल में गवाहों की अधिकता को देखते हुए जमानत दी है। इससे पहले हाईकोर्ट से दो बार और सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत याचिका मेरिट के आधार पर खारिज हो चुकी थी।हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई में प्रार्थी राजा पीटर की ओर से बताया गया कि आरोपी ने जेल में साढ़े छह साल बताए हैं। वहीं इस मामले में गवाहों की संख्या भी काफी अधिक है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए।दरअसल रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में राजा पीटर को मुख्य साजिशकर्ता माना गया है। इसी को लेकर एनआईए ने उन्हें 9 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार किया था। राजा पीटर तब से जेल में बंद हैं। इस केस को एनआईए ने 28 जून 2017 को अपने हाथ लिया था। इस मामले में एनआईए ने करीब पांच प्रोटेक्टेड गवाह की गवाही भी कराई है।बुंडू के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले की जांच कई स्तर पर कई एजेंसियों ने की है। एनआईए से पहले सीआईडी भी इस हत्याकांड की जांच कर चुका है। सीआईडी को इस मामले में हत्यारे तक पहुंचने में सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद एनआईए ने मामले को टेकओवर किया था। इसी मामले में राजा पीटर के अंगरक्षक शेषनाथ सिंह खरवार को 7 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार किया।बता दें बुंडू के एसएस हाई स्कूल में 9 जुलाई 2008 को एक समारोह था। इसमें पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। समारोह में छात्रों को सम्मानित करने और पुरस्कार देने के बाद वे संबोधित कर रहे थे। उसी समय कुंदन पाहन दस्ते के नक्सलियों ने स्कूल में आकर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें रमेश सिंह मुंडा, उनके दो सरकारी बॉडीगार्ड शिवनाथ मिंज और खुर्शीद आलम सहित एक छात्र रामधन पातर की मौत हो गयी थी। मामले में बुंडू थाना में मामला दर्ज किया गया था।