सरहद पर जीत के बाद भी न्याय की तलाश

*वीर सैनिक की आवाज: सरहद पर जीत के बाद भी न्याय की तलाश

झारखंड: देश के शौर्यपूर्ण सैनिकों की कहानी जो युद्धभूमि पर दुश्मनों के खिलाफ अपने प्राणों की आहुति देते हैं, इस बार न्याय की तलाश में है। 1971 भारत-पाक युद्ध के हीरो, पोदना बालमुचू, जिन्होंने अपनी बहादुरी से देश का नाम रोशन किया, आज भी न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

पोदना बालमुचू ने सरहद पर हमारे देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई और दुश्मनों के दांत खट्टे किए। इसके बावजूद, वे आज भी न्याय की तलाश में हैं। राजधानी रांची स्थित राजभवन के सामने 16 दिनों से धरना देते हुए उन्होंने सरकार से अपने हक की मांग की हैं, जिसमें शामिल हैं 5 एकड़ जमीन और पेंशन की मांग।

बालमुचू ने अपनी धरना में कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद, अधिकारियों का रवैया उदासीन है।” इसके बावजूद, वे न्याय की गुहार लगाने में अड़चनों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष और विधायकों से मुलाकात की और उनसे मदद की गुहार लगाई है।

इस दुःखद समय में, हम सभी उनके साथ हैं और उन्हें न्याय मिलने की कामना करते हैं, ताकि देश के वीर सैनिकों को मिले उनके योगदान का सही मूल्य।

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