ग्राहकों से मोबाइल नंबर नहीं ले सकते हैं शॉपिंग मॉल….

*नागरिकों की शिकायत पर देशभर में बंद किए गए लगभग 1 करोड़ मोबाइल नंबर, साइबर अपराधियों से बचाए गए 4 लाख नागरिकों के 1000 करोड़

झारखंड: किसी भी शॉपिंग कंपलेक्स या शॉपिंग मॉल और अन्य ऐसे स्थान पर ग्राहकों से मोबाइल नंबर मांगना अनिवार्य नहीं है। ना तो सरकार ने इसके लिए कोई निर्देश जारी किया है। उपरोक्त बातें केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवू सिंह चौहान ने लोकसभा में कहीं। लोकसभा में सांसद संजय सेठ ने यह सवाल पूछा था कि शॉपिंग कंपलेक्स, शॉपिंग मॉल या अन्य स्थानों पर मोबाइल नंबर मांगना अनिवार्य किया गया है क्या। सांसद ने यह भी पूछा था कि विभिन्न सरकारी सेवाओं के अंतर्गत लाभों के प्रावधान के लिए सत्यापन हेतु मोबाइल नंबर का उपयोग करते समय क्या सुरक्षा उपाय अपनाए गए हैं।
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केवाईसी के माध्यम से मौजूद फ्रेमवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है। वहीं इसके अलावा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रत्येक पॉइंट ऑफ सेल को सब्सक्राइबर आइडेंटिफिकेशन मॉड्यूल सिम जारी करने के लिए पंजीकृत करते समय उनका निर्विवाद सत्यापन को करना अनिवार्य कहा गया है। इसके अलावे सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले टीसी के पीओएस को काली सूची में डालने की व्यवस्था भी की गई है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सिम स्वैप करने या पोर्ट करने की स्थिति में केवाईसी पूरी तरह से सुदृढ़ हो, इसे सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा नागरिक केंद्रित सेवा संचार साथी पोर्टल को भी शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से नागरिक खुद भी अपने नाम पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन की जांच कर सकते हैं। उसकी रिपोर्ट भी कर सकते हैं। इसके माध्यम से नागरिकों ने देशभर में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज कराई हैं। जिसके आधार पर संचार मंत्रालय ने बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नागरिकों की शिकायत पर 55.52 लाख मोबाइल नंबर बंद किए गए हैं, जो फर्जी दस्तावेज पर लिए गए थे। इसके अलावा ऐसे 27 लाख शिकायतों का निपटारा किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि नागरिकों के द्वारा रिपोर्ट किए गए संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन को भी बंद किया गया है। ऐसे मोबाइल कनेक्शन की संख्या 13.42 लाख है। देश की विभिन्न राज्यों की पुलिस के द्वारा अब तक 63548 मोबाइल फोन बरामद किए गए और नागरिकों को लौटाए गए हैं। सरकारी नियमों का पालन नहीं करने, पूरी दस्तावेज होने अधूरे दस्तावेज पर सिम कार्ड देने फर्जी दस्तावेज पर सिम कार्ड देने जैसे मामलों को लेकर देश भर में विभिन्न कंपनियों के 70313 सेल्स प्वाइंट को बंद कर, उन्हें काली सूची में डाल दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साइबर अपराध को रोकने के लिए भी नागरिकों से व्यापक पैमाने पर सहायता ली गई है। नागरिकों इसमें खुलकर मदद भी की है। इसके तहत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल पर जो शिकायतें आई हैं, उसके आधार पर 2.78 लाख मोबाइल नंबर बंद किए गए हैं। वहीं साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण 1.32 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए हैं। व्हाट्सएप द्वारा भी ऐसी कई शिकायतें प्राप्त हुई इन शिकायतों के आधार पर 2.21 लाख अकाउंट को डिस्कनेक्ट किया गया है। विभिन्न बैंक और पेमेंट वॉलेट द्वारा खातों को फ्रिज किए जाने की भी जानकारी मिली है ऐसे खाते जो डिस्कनेक्ट किए गए मोबाइल कनेक्शन से जुड़े थे। उन्हें बंद किया गया है। ऐसे नंबरों की संख्या 9.83 लाख है। साइबर अपराधियों के द्वारा भी बड़े पैमाने पर मोबाइल के माध्यम से नागरिकों को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थी। अपराधियों ने बड़ी संख्या में राशि गबन कर ली थी। देश भर में ऐसे 4 लाख नागरिकों को मंत्रालय ने मदद की है और 1000 करोड रुपए से अधिक की राशि वापस कराई गई है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि समय-समय पर ऐसे अन्य कई कदम उठाए जाते रहे जिसके माध्यम से नागरिकों को राहत दी जा सके।

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