झारखण्ड : हज़ारीबाग में ओकनी मोहल्ले से लापता बच्चे पपलू को हजारीबाग पुलिस ने 8 दिन बाद कोडरमा से बरामद किया।चार साल के बच्चे को 2 लाख 95 हजार रुपये में बेचा गया था।पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर इस बच्चे को बरामद कर लिया है।सोमवार को समाहरणालय में प्रेस वार्ता में सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध करीना देवी की पहचान कर छापेमारी के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया।करीना देवी के स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि ज्योति रानी, कन्हैया कुमार पासवान,नूतन देवी ने मिलकर बच्चे को चुराया और कोडरमा में गीता देवी के पति रोहित रविदास को 2 लाख पंचानवे हजार रुपये में बेच दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पता चला कि ज्योति रानी और कन्हैया कुमार पासवान अभी छत्तीसगढ़ गये हैं।रविवार को राँची रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। उनसे मिली जानकारी के आधार पर राँची रेलवे स्टेशन के आसपास के हज़ारीबाग और राँची पुलिस ने होटलों में छापेमारी की गयी। छापेमारी के दौरान एक होटल से ज्योति रानी और कन्हैया कुमार पासवान को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी से लापता बच्चे के बारे में पूछे जाने पर दोनों पति-पत्नी ने बताया कि नूतन और करीना की मदद से बच्चे को कोडरमा में गीता देवी के पति रोहित रविदास को 2 लाख पंचानवे हजार (295000/-) रुपये में बेच दिया गया है इसके आधार पर छापेमारी दल ने इंद्रपुरी मुहल्ला तिलैया, थाना तिलैया,जिला कोडरमा में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध छापेमारी की।जहां उस लापता बच्चे पपलू कुमार को बरामद कर सकुशल वापस लाया गया।घटना में प्रयुक्त छह मोबाइल फोन बरामद कर लिये गये हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि बच्चों को चुराने के लिए पिछले 4 से 5 महीने से रेकी की जा रही थी। जिस दंपत्ति को बच्चा बेचा गया था उनका कोई बच्चा नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ महीने पहले उनके बच्चे की मौत हो गई थी।ऐसे में दंपत्ति एक बच्चा चाहते थे।वह बच्चे की चाह में इन लोगों के संपर्क में आए थे और अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उन्होंने किस आधार पर इन लोगों से संपर्क किया और सूत्रधार कौन था।
बता दें कि 19 दिसंबर को हजारीबाग के लोहसिंघना थाना अंतर्गत ओकनी साईं मंदिर के पास से 4 साल का बच्चा पपलू रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था।गायब होने के बाद परिजनों ने लोहसिंघना थाने में बच्चे की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया।उस मामले की जांच पिछले 8 दिनों से हजारीबाग पुलिस कर रही थी। 8 दिन बाद तकनीकी साक्ष्यों की मदद से पुलिस ने 4 साल के बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस सफलता से हजारीबाग में यह साफ हो गया है कि जिले में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है। अब हजारीबाग पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है कि इसके तार कहां तक फैले हुए हैं।इतना ही नहीं अगर आसपास के इलाके में कोई बच्चा चोरी हुआ है तो इसके पीछे भी उनका कोई हाथ तो नहीं है।