नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता 2023 के तीनों बिलों को मंजूरी देने के साथ भारतीय कानून में महत्वपूर्ण परिवर्तनों को हरी झंडी दिखाई। इसके तहत, इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को संसदीय मंजूरी मिली।
महत्वपूर्ण परिवर्तनों का संक्षेप:
- इंडियन पीनल कोड में 511 से बढ़कर 356 धाराएं रहेंगी।
- ट्रायल कोर्ट को हर फैसला 3 साल के भीतर देना होगा।
- भड़काऊ भाषण और हेट स्पीच को अपराध में लाया गया है, जिसके लिए 3 साल की सजा और जुर्माना होगा।
- गैंगरेप के दोषियों को 20 की सजा या आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है।
- अगर 5 या इससे ज्यादा लोगों का समूह किसी की जाति, समुदाय, भाषा, और जेंडर के आधार पर हत्या करता है, तो हर दोषी को मौत या कारावास की सजा दी जाएगी।
- ऑनलाइन कोर्ट प्रणाली को 2027 तक लागू किया जाएगा, ताकि मुकदमों का स्थिति आसानी से जानी जा सके।
इन सुधारों के साथ, भारतीय कानून में सुरक्षा और न्याय के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हो रही है।