यमुनानगर : हरियाणा राज्य के सभी सरकारी चिकित्सकों की एसोसियेशन द्वारा लम्बित मांगों को लेकर राज्य भर में 27.12.2023 को एक दिवसिय हडताल की गई थी तथा साथ ही मांगें पूरी ना होने पर 29 दिसम्बर से हडताल का ज्ञापन दिया गया था। जिसके चलते जिला यमुनानगर के मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल में भी आज कुछ चिकित्सक हडताल पर रहे, परन्तु हडताल की सम्भावना को देखते हुये कल शाम निदेशालय पंचकुला से वीडियो कॉन्फरेन्स द्वारा कार्य को सुचारू रूप से चलाने के दिशानिर्देश प्राप्त हुये थे।
इस बारे जानकारी देते हुये अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा कल सांय हडताल के बारे दिशानिर्देश प्राप्त हुये थे, जिसके चलते पहले ही एन.एच.एम., आयुष विभाग व यू.पी.एच.सी. में कार्यरत चिकित्सकों की डियूटी अस्पताल में लागाई गई थी। उन्होने बताया कि अस्पताल में आज पूर्ण रूप से सभी स्वास्थ्य सेवाओं को चलाया गया, ट्रॉमा सैन्टर में चिकित्सकों द्वारा आपातकालीन मरीजों की पूर्ण देखभाल की गई। इसके साथ ही डॉ. अनुज मंगला (प्रवर चिकित्सा अधिकारी) द्वारा दिव्यांग मरीजों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र भी बनाये गये। उन्होंने बताया कि यू.पी.एच.सी. व अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों से ओ.पी.डी. के लिये डॉ. मोहित, डॉ. अमित व डॉ. आदित्य की ड्यिूटी लगाई गई तथा साथ ही डॉ. शुभम, डॉ. गौरव, डॉ. क्षितिज व डॉ. जतिन कुमार की रोस्टर आधार पर तीनों समय की डयूटी लगाई गई है।
डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि डॉ. विपुल गोयल (नेत्र रोग विशेषज्ञ), डॉ. अनूप गोयल, डॉ. अंकित, डॉ. अंकुश कोहली, डॉ. मंजू सिह, डॉ. अश्वनी, डॉ. विकास व डॉ. नीरज ने अपनी अपनी ओ.पी.डी. में कार्य किया। इसके साथ ही एन.एच.एम. में कार्यरत चिकित्सकों डॉ. कविता जैन व डॉ. शमंकु द्वारा प्रसूति सेवाओं को पूर्ण रूप से चलाया गया तथा डॉ. जतिन मनोचा व डॉ. हिमानी अग्रवाल द्वारा एस.एन.सी.यू. व बाल रोग विभाग में बच्चों की ओ.पी.डी. व उपचार किया गया। उन्होने बताया कि डॉ. जेनेश सैनी भी डयूटी पर रहे तथा आज तीन पोस्टमार्टम की तैयारी रही, पोस्टमार्टम के कागजी कार्यवाही पूर्ण होने पर तीनों पोस्टमार्टम किये जायेंगेे। अतः अस्पताल में किसी भी स्वास्थ्य सुविधा पर हडताल के कारण प्रभाव नही रहा तथा मरीजों को सभी स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान की गई। आज अस्पताल में सॉय 03ः00 बजे तक 1026 मरीजों को ओ.पी.डी. में देखा गया व 20 मरीजों का ट्रॉमा सैन्टर में उपचार किया गया, जिनमें 03 एम.एल.सी. के केस भी थे।
डॉ. दिव्या मंगला ने जानकारी देते हुये बताया कि अस्पताल में सभी ओ.पी.डी. में चिकित्सक् मौजूद रहे तथा किसी भी मरीज को किसी भी प्रकार से दिक्कत का सामना नहीं करना पडा। अस्पताल प्रशासन द्वारा पहले ही रोस्टर बना कर सभी स्वास्थ्य सेवाओं के लिये चिकित्सकों की ड्यिूटी लगा दी गई थी। अतः आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ सभी सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी मरीजों को अस्पताल में प्रदान किया गया।