भाई’ से इस रिश्ते में ‘जान’ है..! मोदी-नाहयान की दोस्ती पूरी दुनिया के लिए सीख

गुजरात : दुनिया के ताकतवर देश अब भारत के लिए बांहें फैलाए खड़े हैं।देश की तरक्की ने साबित कर दिया है कि भारत अब पीछे मुड़कर देखने वाला नहीं है। इसकी जीती-जागती तस्वीर गुजरात में देखने को मिली।यहां आयोजित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें एडिशन पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।समिट में शामिल होने के लिए यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान मंगलवार को पहुंचे तो पीएम मोदी ने खुद उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।दोनों नेताओं ने एक साथ रोड शो किया। पीएम मोदी ने तस्वीरें शेयर कर मोहम्मद बिन जायद के लिए कहा, ‘भारत में स्वागत मेरे भाई..’ एक तरह से इन दोनों ही नेताओं ने पूरी दुनिया को सीख देने की कोशिश की है कि धर्म से ऊपर उठकर जो रिश्ता बनता है, उसमें दरार नहीं पड़ती।अब आपको खबर का शीर्षक भी स्पष्ट हो गया होगा।

टेंशन में पाकिस्तान

पीएम मोदी और मोहम्मद बिन जायद की दोस्ती से कई कट्टरपंथी देशों के पेट में दर्द हो गया होगा।धर्म के नाम पर हमेशा आतंक फैलाने की सोच रखने वाला पाकिस्तान तो टेंशन में आ गया होगा। इसका जीता जागता उदाहरण पाकिस्तानियों का पाक सरकार के प्रति गुस्से में साफ दिखाई देता है।याद दिला दें कि 2019 में पाकिस्तान की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए यूएई ने भारत को इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था
। पाकिस्तान ने इस बैठक का बहिष्कार तक कर दिया था।जिसके बाद यूएई ने स्पष्ट कर दिया था कि वह भारत के साथ अपने उभरते संबंधों का सम्मान करता है।पाकिस्तानियों की बात करें तो वे इस वक्त अपनी ही सरकार को कोस रहे हैं।पाकिस्तानी नागरिकों ने साफ कहा है कि उनका देश सिर्फ खैरात पर जी रहा है।भारत-यूएई की दोस्ती से उसे डर लगने लगा है कि यूएई से मिलने वाली खैरात भी न बंद हो जाए।

10 से 12 जनवरी तक वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट

10 से 12 जनवरी तक वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट गांधीनगर में ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है।इसमें 34 भागीदार देश और 16 भागीदार संगठन हैं। समिट से एक दिन पहले पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ रोड शो किया। यह रोड शो बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक और मौका है जब पीएम मोदी और शेख जायद अल नाहयान एक बार फिर साए आए हैं।

यूएई से संबंधों में काफी सुधार

2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत और यूएई के बीच संबंधों में काफी सुधार हुआ है।इस तालमेल के चलते हाल के दिनों में दोनों देशों को काफी फायदा हुआ है। पिछले साल अबू धाबी में इसी तरह पीएम मोदी का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया था।पीएम मोदी को यूएई के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित किया गया था।2014 में सत्ता में आने के बाद से पीएम मोदी ने 5 बार यूएई का दौरा किया है।

व्यापार ऐतिहासिक ऊंचाई पर

भारत और यूएई के बीच यह दोस्ती अर्थव्यवस्था, व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी के मामले में भी बेहद उपयोगी रही है।दोनों देशों के बीच करीबी रिश्तों के इस नए अध्याय को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ कहा जा रहा है।दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में भी काफी वृद्धि हुई है।दोनों देशों के बीच व्यापार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है।वर्ष 2021-2022 में 72.9 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 84.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें साल-दर-साल 16 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल रही है। इधर,
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे, उनके साथ यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पेट्र फियाला, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी, तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में शामिल हुए।

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