कोलकाता : संगीत की दुनिया के सम्राट माने जाने वाले मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान की मंगलवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल मे निधन हो गया, 55 वर्षीय रशीद की मौत से संगीत जगत ही नही पूरा देश सदमे मे है, हर कोई हैरान है की आखिर यह हुआ तो कैसे हुआ रशीद को इस दुनिया से अभी नही जाना था, राशिद शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि उन्होंने बॉलीवुड को भी कई यादगार गीत दिए हैं। राशिद के लोकप्रिय गानों में करीना कपूर और शाहिद कपूर की फिल्म ‘जब वी मेट’ का आओगे जब तुम ओ साजना’ शामिल है।
उन्होंने फिल्म ‘किसना: द वॉरियर पोए ट’ के गाने काहे उजाड़ी मोरी नींद, तोरे बिना मोहे चैन नहीं, फिल्म ‘माय नेम इज खान’ का अल्लाह ही रहम, फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ का तू बनजा गली संग आदि गाने गाए थे। उन्हें 2006 में पद्मश्री और 2022 में पद्म भूषण से नवाजा गया था।
मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कोलकाता के रबिन्द्र सदन मे श्रद्धांजलि दी जहाँ ममता के साथ कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम सहित अरुप बिस्वास भी उपस्थित थे, ममता के निर्देश पर राशिद के राजकीय सम्मान मे शव यात्रा भी निकाली गई, जिसके बाद कोलकाता के रबिन्द्र सदन मे उनके शव को रख श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया गया, इस श्रद्धांजलि सभा मे राशिद को गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया।
उस्ताद राशिद के निधन की खबर सुन उनके घर पहुँची मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने राशिद के बेटे और बेटी सहित उनकी पतनी के कंधे पर हाँथ रखकर कहा वह यह नही सोंचे की राशिद के जाने के बाद उनके सर से अभिभावक का साया हट गया, अब से वह उनके अभिभावक बनकर सामने खड़ी रहेंगी, ममता ने यह भी कहा राशिद की मौत संगीत जगत ही नही बल्कि पुरे देश के लिये क्षती है।
उन्होंने कहा वह राशिद की निधन की खबर सुन बहोत दुखी हैं वह बिश्वास नही कर पा रही हैं, बताया जा रहा है की राशिद प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। वह रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे। जिसका संबंध ग्वालियर घराने की गायन शैली से माना जाता है।उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बंदायू में हुआ था। संगीत की शुरुआती शिक्षा राशिद ने अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन से ली थी। वह उस्ताद इनायत हुसैन खान के पड़पोते थे। 1980 में 14 की उम्र में राशिद अकादमी में शामिल हो गए थे।