यूपी : देवरिया में हाल ही में शिक्षा विभाग ने 85 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है, जिससे पूरे विभाग में हडकंप मच गया है।ऐसा नहीं कि यह पहली बार हुआ है इससे पहले भी यूपी के अलग-अलग जिलों में तमाम शिक्षकों की बर्खास्ती की खबरें आई हैं। बता दें कि वर्ष 2019 में ही एसआईटी ने प्रदेश भर में 4000 से अधिक फर्जी शिक्षकों को चिन्हित किया था। जिसकी सार्वजनिक सूचना तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री ने खुद मीडिया को दी थी।उसी दौरान एसआईटी को जांच के दौरान करीब 4700 ऐसे बीएड डिग्रीधारक मिले थे, जिनकी डिग्री या तो फर्जी थी या उसमें किसी प्रकार की हेरफेर की गई थी।बता दें कि एसआईटी ने इन फर्जी डिग्रीधारकों की सूची बनाकर जिलावार शिक्षा विभाग को भेजी थी। जिसके आधार पर जांच करके तमाम शिक्षकों पर कार्रवाई भी की गई। इस दिशा में सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है।
पहले भी बर्खास्त हुए हैं टीचर
देवरिया से पहले मथुरा में भी वर्ष 2019 में लगभग 60 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था।इन शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई थी।इसी तरह बाराबंकी में वर्ष 2018-19 में लगभग 20 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था।इन शिक्षकों पर भी फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप था, जो जांच में सही पाया गया।इसी तरह बलिया जिले में वर्ष 2019 में एक सरकारी स्कूल के टीचर को बर्खास्त कर दिया गया था। वह 20 साल से नौकरी कर रहा था। ये तो महज कुछ उदाहरण हैं, हकीकत तो यह है कि यूपी के तमाम जिलों में लगातार कार्रवाई की गई है और आगे भी कार्रवाई जारी रहने की संभावना है।
क्यों किया जाता है बर्खास्त
यूपी में जिन भी शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, उनमें से अधिकतर पर यह आरोप है कि वह फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे थे।जब इन आरोपों की जांच की गई तो यह सही पाया गया। इनमें से सभी के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।