बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बोइंग के बेंगलुरु सेंटर का उद्घाटन करते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस सेंटर को अमेरिका से बाहर बोइंग का सबसे बड़ा सेंटर माना जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य एविएशन सेक्टर में आ रहे बदलावों के लिए तैयारी करना है। यहां पर रिसर्च, डेवलपमेंट, इनोवेशन, और डिजाईन पर जोर दिया जाएगा, जिससे भारत के टेलेंट को विश्वसनीयता मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने इसे ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ रणनीति का हिस्सा बताया और इसके माध्यम से देश को वैश्विक एविएशन मानकों में आगे बढ़ने का वादा किया। इस सेंटर के माध्यम से जुड़े विस्तृत योजना के साथ, बोइंग का सुकन्या प्रोग्राम भी उद्घाटन किया गया, जिससे बेटियों को एसटीईएम फील्ड में कौशल विकसित करने और एविएशन सेक्टर में रोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने का मुकाबला किया जाएगा। बोइंग के इस 43 एकड़ के कैंपस ने लगभग 1600 करोड़ रुपये में खर्च किए हैं और यह भारत में इस कंपनी का सबसे बड़ा सेंटर है। इससे अधिकांश जानकारी, बोइंग के इस कैंपस के माध्यम से ग्लोबल एयरोस्पेस और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए आने वाले नए उत्पाद और सेवाओं की विकास की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां से 3000 से अधिक इंजीनियर एक साथ काम कर सकेंगे और बोइंग ने भारतीय सेना के साथ सहयोग करने का एलान किया है, जो डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत महत्वपूर्ण है