श्री रामभद्राचार्यजी: संत, विद्वान और धरोहरकर्ता

Published Date: 21-01-2024

यूपी : आज 75 वर्ष के हो चुके रामानंदी सम्प्रदाय के महान संत और गुरुदेव, श्री रामभद्राचार्यजी, का जन्मदिन है। उन्होंने स्कूल की हर कक्षा में 99% से कम अंक नहीं मिलने के बावजूद, 230 किताबें लिखी हैं। सबसे अद्भुत बात यह है कि उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मामले में हाई कोर्ट में 441 साक्ष्य देकर साबित किया कि भगवान श्री राम का जन्म वहीं हुआ था।

उनकी दी गई 441 साक्ष्यों में से 437 को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। इस महात्मा ने वेदों में भी प्रमाण दिखाया और अपनी आद्यात्मिक ज्ञान से भगवान श्री राम का साक्षात्कार किया। उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि वे भगवान श्री राम को बहुत करीब से देखते हैं और उनके पूर्वाग्रह का परिचय नहीं है।

इस महान संत ने सोनिया गांधी के हलफनामे का जवाब देते हुए उन्हें बताया कि उनके गुरु ग्रंथ साहिब में राम का नाम 5600 बार उल्लेखित है। उन्होंने न्यायाधीशों को भी हैरान कर दिया और उन्हें अपनी आद्यात्मिक ज्ञान की अद्वितीयता का अहसास कराया।

इस प्रकार, श्री रामभद्राचार्यजी का अद्वितीय साधना और धरोहरकर्ता के रूप में योगदान हमारे समाज और सांस्कृतिक धरोहर को संजीवनी दे रहा है। उनकी आदर्श जीवनी हमें आचार्य और संत के रूप में प्रेरित कर रही है।

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