झारखंड में धारा 144 तोड़ने के नाम पर सीआरपीएफ पर मुकदमा दर्ज, विपक्ष भड़का

झारखंड: अजब-गजब है झारखंड, जहां सीआरपीएफ पर ही मुकदमा दर्ज हो जाता है।वह भी इस लिए की संभावित हंगामा को रोकने के और सुरक्षा प्रदान करने पहुंचने सीआरपीएफ पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है ।यह अपने आप में अनोखा मामला है। जबकि सीआरपीएफ सरकार का ही एक अंग है।वही झारखंड के विपक्षी पार्टी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे राजनीति स्टैंड बताते हुए अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय एजेंसी और केंद्रीय सुरक्षा बलों को डराने के लिए पुलिसिया ताकत का दुरुपयोग का प्रयास हेमंत सोरन को भारी पड़ेगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी पूछताछ कर रही थी। झामुमो के लोग विरोध कर रहे थे। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। मुख्यमंत्री आवास के पांच सौ मीटर के दायरे में धारा 144 लगा गया था।उस दौरान सीआरपीएफ की बटालियन भी पहुंची।प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने पर सीआरपीएफ पर एफआईआर दर्ज कराया गया है। इस मामले में 03 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। सीआरपीएफ, जेएमएम और भीम आर्मी के खिलाफ गोंदा थाने में मामला दर्जा हुआ है।यह मामला टाउन सीओ के लिखित शिकायत पर FIR दर्ज हुआ है।मामले की जांच में गोंदा थाना की पुलिस जुटी हुई है।

दर्ज मामले में जेएमएम कार्यकर्ताओ के साथ भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर भी एफआईआर दर्ज हुआ है। इसके साथ ही हाई सिक्युरिटी जोन में सीआरपीएफ के सैकड़ों जवानों के आने के कारण सीआरपीएफ पर भी मामला दर्ज किया गया।

सीआरपीएफ पर हुए एफआईआर पर भड़के बाबूलाल मरांडी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 20 जनवरी को जस्टिस एलपीएन शाह देव चौक पर मुख्यमंत्री के भाषण देने का वीडियो जारी कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।श्री मरांडी ने कहा कि 20 जनवरी की रात सीएम आवास से सटे एलपीएन शाह देव चौक पर जहॉं धारा 144 लगा हुआ था वहां मुख्यमंत्री बड़ी बेशर्मी से अपने अधिकारियों के साथ क़ानून की धज्जी उड़ा रहे थे।

श्री मरांडी ने कहा कि ईडी अधिकारियों की सुरक्षा एवं उन्हें भाड़े पर लाये गये तीर-धनुष से लैश लोगों से बचाने के लिये आये सीआरपीएफ अफ़सरों-जवानों पर निषेधाज्ञा उल्लंघन का मुक़दमा करने वाली राँची पुलिस अगर क़ानून सम्मत काम करती है तो पहले मुख्यमंत्री और उनके भाड़े के टट्टूओं के साथ ही वहाँ मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अफ़सरों पर मुक़दमा करे। बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चेताते हुए कहा कि केन्द्रीय एजेंसी और केन्द्रीय सुरक्षा बलों को डराने के लिये पुलिसिया ताक़त के दुरूपयोग का प्रयास उनको भारी पड़ेगा। लिखकर रख लीजिए।

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