*बंद घर का ताला तोड कर अंदर घुसी, बड़ी संख्या सुरक्षा बल तैनात
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल में TMC के फरार नेता शेख शाहजहां के घर आज सुबह ED टीम पहुंची है। ईडी शेख शाहजहां के घर का ताला तोड कर अंदर प्रवेश किया है।इस दौरान ईडी ने सुरक्षा के लिए अपने साथ 100 से ज्यादा सेंट्रल फोर्स पर्सनल लेकर गई है। दरअसल, 19 दिन पहले (5 जनवरी) को जब ED टीम संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां के घर रेड करने जा रही थी, तो उस पर भीड़ ने हमला कर दिया था।
आज सुबह करीब 8 बजे ED की टीम कई गाड़ियों से शेख शाहजहां के घर के लिए रवाना हुई। सुरक्षाबल भी बड़े वाहनों में सवार होकर शाहजहां के घर पहुंचे। फिलहाल शाहजहां के घर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद हैं। हालांकि शाहजहां कहां है, इसकी कोई खबर नहीं है।
आज सुबह ईडी की टीम संदेशखाली में शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी करने पहुंची, तो घर बंद मिला, जिसके बाद चाबी वाले की मदद से 2 ताले तोड़कर ईडी के अधिकारी घर में दाखिल हुए। घर में घुसने के बाद से टीम शाहजहां के घर के अंदर चारपाई, अलमारी सब कुछ देख रही है।
बता दें कि शाहजहां के घर के अंदर कुल 13 लोग दाखिल हुए हैं, जिसमें 6 अधिकारी, 2 स्थानीय गवाह, 3 ईडी गवाह, एक ताला तोड़ने वाला और एक ईडी वीडियोग्राफर हैं।
बताते चलें कि, पश्चिम बंगाल में हुए अलग-अलग भ्रष्टाचार के मामलों में से एक राशन वितरण घोटाले की जांच भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम कर रही है। राशन घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम ने 5 जनवरी 2024 को राज्य में अलग-अलग जगहों में राजनीति से जुड़े लोगों, व्यवसायियों व अन्य के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।इस दिन भी ईडी के अधिकारी उत्तर 24 परगना के संदेशखाली स्थित सरबेड़िया के निवासी तृणमूल कांग्रेस के नेता, राशन और डीलरव्यवसायी शेख शाहजहां के आवास पर जांच के लिए पहुंचे थे, जहां ईडी अधिकारियों और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के जवानों पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गयी। मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया। उनके कैमरे व मोबाइल फोन तोड़ दिये।ईडी अधिकारियों और जवानों ने वहां से किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी। इस हमले के बाद ईडी की टीम एक्शन मोड में आ गई और दूसरे दिन यानी 6 जनवरी को बोंगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया है।
मालूम हो कि, राशन वितरण घोटाला, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। वर्ष 2020 में राशन वितरण में भ्रष्टाचार का पहला आरोप लगा था। 2020 से 2022 के बीच नदिया जिले में तीन मामले दर्ज किये गये थे। उसी के आधार परप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्ष 2022 में ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन 2023 में इस घोटाले के पैमाने व वित्तीय आकार के खुलासे से लोगों को हैरत में डाल दिया।जांच के साथ घोटाले का दायरा एक हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा होता दिखने लगा है। इस मामले में भी तृणमूल कांग्रेस को झटका लगा है। वह ऐसे कि मामले की जांच के तहत ईडी ने पूर्व खाद्य मंत्री व मौजूदा वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया। उनके पहले करीबी माने जाने वाला व्यवसायी बकीबुल रहमान उर्फ बकीबुर भी दबोचा जा चुका है। दोनों ही न्यायिक हिरासत में हैं। हालांकि, गिरफ्तार मंत्री मलिक फिलहाल एसएसकेएम अस्पताल में चिकित्साधीन हैं।