*कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला सियासी समीकरण में नया मोड़
नई दिल्ली : बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पर्चम उच्च है, जब ‘NDA बनाम INDIA’ की सियासत तेज़ हो रही है। भाजपा अपनी सियासी ज़मीन मज़बूत करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रही है, और एक बार फिर पीएम मोदी के दांव ने सियासत को नया रुख दिया है।
बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के अवसर पर प्रदेश में विभिन्न पार्टियां सियासी कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं, जिसमें केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने का फ़ैसला लिया है। इस फैसले से बिहार की सियासत में नया मोड़ आया है, और पिछड़े और अति पिछड़ों की सियासत करने वाली पार्टियों को एक झटका मिला है।
पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाज़ने का फ़ैसला किया, जिससे पिछड़ी जातियों की ओर से उनकी पूजा हो रही है। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी को भी सीधा फ़ायदा होने की उम्मीद है, और पीएम मोदी का हिंदुत्व कार्ड बिहार में चुनावी नतीजों पर कैसा असर डालता है, यह चुनाव में प्रकट होगा। इसके साथ ही, लालू यादव और नीतीश कुमार की पार्टियों के साथ बिहार के ओबीसी मतदाताओं का झुकाव भी बढ़ा है, जिससे इंडिया गठबंधन को फ़ायदा पहुंच सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फ़ैसला लालू और नीतीश के पिछड़े वोट बैंक की पकड़ को ढीला कर सकता है, जिससे पीएम मोदी ने अपने सियासी दांव के माध्यम से पिछड़ी जातियों को साधने में मास्टरस्ट्रोक खेला है। आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इसका सीधा फ़ायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।