नई दिल्ली : झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भूमि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कार्रवाई के दौरान ईडी ने उनके आवास से 36 लाख रुपए और संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं। इस जब्ती के बाद सोरेन के समर्थन में आवाज बढ़ गई है जबकि विरोध ने इसे भ्रष्टाचार के नए मामले के रूप में देखा है।
ईडी की टीम ने सोमवार को दिल्ली स्थित आवास पर छापे मारे और 36 लाख रुपए सहित कई दस्तावेजों को जब्त किया। इस जब्ती के बाद समर्थनकारियों ने इसे राजनीतिक दुश्मनों की चाल मानकर कड़ी आपत्ति जताई हैं, जबकि विरोधी ने इसे भ्रष्टाचार के नए संदर्भ में उजागर किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि केंद्रीय एजेंसी ईडी ने उनके खिलाफ जाँच कर रही है। इसके बीच, मुख्यमंत्री ने ईडी के बयानों के खिलाफ उठाए गए आरोपों का सामना करते हुए कहा है कि यह राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है और सरकारी कामकाज पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
छापे में आए सबूत :
ईडी ने मुख्यमंत्री के आवास पर सोमवार को छापा मारा और जब्त किए गए दस्तावेजों में कथित भूमि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में जानकारी हो सकती है। इससे मुख्यमंत्री के समर्थन में आवाज उठ रही है और सोरेन ने इसका सीधा सामना करते हुए कहा है कि ईडी राजनीतिक दुश्मनों की राजनीति में शामिल हो रही है।
सत्तारूढ़ गठबंधन का रुख:
सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य दलों ने रांची में रहने का निर्देश दिया है, जिससे राजनीतिक स्थिति को स्थिर रखा जा सके। जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा है कि राजनीतिक स्थिति में बदलाव लाने की कोशिश हो रही है।
मुख्यमंत्री का रुख:
हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ पत्र लिखकर राजनीतिक एजेंडे के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विधानसभा का बजट सत्र 2 और 29 फरवरी 2024 के बीच है, और उसी की तैयारी में व्यस्त रहेंगे, जिससे इस दौरान किसी अन्य कार्रवाई का असर पड़ सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर जनता का विरोध और समर्थन दोनों देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के समर्थन में हैंटैग्स भी ट्रेंड हो रहे हैं, जबकि विरोध में भी लोग अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।