मुंबई : भारत में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए एक नई आशा की किरण आई है, जब CAR-T सेल थेरेपी से पहला मरीज कैंसर से मुक्त हो चुका है। इस आशा की स्रोत हैं IIT बॉम्बे और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जिन्होंने इस अद्वितीय थेरेपी को विकसित किया है। इस विशेष थेरेपी से 15 मरीजों में से 3 ने कैंसर को पूरी तरह हराया है।*
भारत के दवा नियामक ने भी इस थेरेपी को मंजूरी दी है, जिससे कारगरता का सबूत मिला है। दिल्ली के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, डॉक्टर कर्नल वीके गुप्ता ने सिर्फ 42 लाख रुपए का खर्च करके इस थेरेपी का लाभ उठाया और स्वस्थ हो गए। इस अद्वितीय इलाज ने भारतीय मरीजों को विदेश में कीमती इलाज की आवश्यकता से मुक्ति दिलाई है।*
डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि इस थेरेपी ने उन्हें कैंसर से मुक्ति दिलाई है और वे अब एक सैनिक की तरह महसूस कर रहे हैं। इस नए इलाज के द्वारा कई लोगों को जीवन की राह में नई आशा मिल रही है, जबकि इस थेरेपी की सफलता की दर की जानकारी आने में कुछ समय लगेगा।*
इस विकसित थेरेपी से कैंसर के इलाज में बड़ी क्रांति की उम्मीद है और यह भारत में कैंसर के मरीजों के लिए एक नया दिन ला सकता है।