नई दिल्ली : आज तड़के जब सात भारतीय स्वदेश पहुंचे तो यह उनके लिए नए जन्म जैसा था। जी हां, कतर में मौत की सजा पाए भारतीय जेल से छूट गए। आते ही उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के दखल के बिना यह मुमकिन नहीं था।अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो आज हम आपके सामने खड़े नहीं होते… मुस्कुराते हुए कतर से लौटे एक भारतीय ने आज तड़के यह बात कही।कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया है। इन्हें साढ़े तीन महीने पहले मौत की सजा सुनाई गई थी।आठ में से 7 भारतीय स्वदेश लौट आए हैं।स्वदेश लौटने पर इनके चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। यह इनके लिए पुनर्जन्म जैसा है। विदेश मंत्रालय ने कतर के अमीर के फैसले की सराहना की है।हालांकि खाड़ी देश से भारतीयों को सुरक्षित बचाकर स्वदेश लाने का यह मिशन इतना आसान नहीं था।
आज इसे भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर के साथ अपने निजी संबंधों का इस्तेमाल किया।इसके अलावा सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल परदे के पीछे लगातार एक्टिव रहे।तीसरे मोर्चे यानी डिप्लोमेटिक फ्रंट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत को आगे बढ़ाया। रिपोर्ट के मुताबिक एनएसए डोभाल कई बार गुप्त रूप से दोहा गए थे और कतर की लीडरशिप के सामने पूरी मजबूती से भारत का पक्ष रखा।
कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में पूर्व सैनिकों को मौत की सजा सुनाई तो भारत सरकार हैरान रह गई। कतर सरकार ने आरोपों का खुलासा नहीं किया लेकिन रिपोर्टों में बताया गया कि जासूसी के आरोप लगे हैं।दिसंबर में कोर्ट ने भारतीयों की सजा कम कर दी।इससे ठीक पहले 1 दिसंबर को दुबई में एक समिट से इतर पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी। इस दौरान कतर में रह रहे भारतीयों की बेहतरी पर बात हुई।माना जा रहा है कि उस मुलाकात में ही पीएम ने इन भारतीयों की सजा समाप्त करने पर बात की थी।
दुनिया के बेस्ट विदेश मंत्री भारत में…
पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा ने आज ‘एक न्यूज चैनल’ से कहा कि अगर फांसी हो जाती तो पूरी दुनिया में मैसेज जाता कि कतर में काम करने वालों को फांसी हो जाती है या जेल में डाल दिया जाता है।2017 में जब चार खाड़ी देशों ने प्रतिबंध लगाए थे तो भारत ने भोजन और दवाएं कतर भेजी थीं। वास्तव में अंतरराष्ट्रीय संबंध में आभार जैसा कुछ नहीं होता। कतर एक छोटा देश है।उसे पता है कि भारत को नाराज करके उसे कुछ नहीं मिलेगा।उसने देखा कि यूएई आदि देश भारत के करीब जा रहे हैं तो वह पीछे क्यों रहें।वोहरा ने आगे कहा कि हमारे पास दुनिया के बेस्ट विदेश मंत्री हैं।
रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अश्विनी सिवाच (रिटायर्ड) ने कहा, ‘यह डिप्लोमेटिक और भारतीय लीडरशिप की जीत है। ये लोग (भारतीय)… दोहा में इटैलियन स्टील्थ टेक्नोलॉजी वाली सबमरीन शामिल हो रही थी।इन पर आरोप था कि ये इजरायल की मोसाद के लिए जासूसी कर रहे थे, यह बहुत ही गलत आरोप था।यह पाकिस्तान की आईएसआई का फ्रेमवर्क था। भारतीय डिप्लोमेसी एक्टिव हुई और जिस प्रकार भारतीय प्रधानमंत्री दुबई में अमीर से मिले, वह मुलाकात गेमचेंजर हुई। यह समझना चाहिए कि आज भारत का डंका बजता है।’
निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। आज पूरा देश इनकी स्वदेश वापसी पर खुशी मना रहा है।