ई दिल्ली : चुनावी बॉन्ड योजना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, जिसमें उन्होंने इस योजना को असंवैधानिक घोषित किया है। यह फैसला सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने किया है।
असंवैधानिकता का मुद्दा: बेंच ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार और बोलने व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है। इसके साथ ही नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार में राजनीतिक गोपनीयता, संबद्धता का अधिकार भी शामिल है।
बॉन्ड की सौंपदा : सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का ब्योरा निर्वाचन आयोग को सौंपने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह आदेश दिया गया है कि बैंक तत्काल चुनावी बॉन्ड जारी करना बंद कर दे।
योजना का आरंभ : चुनावी बॉन्ड योजना भारत सरकार द्वारा 2018 में लॉन्च की गई थी, जिसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को पारदर्शिता लाने के लिए राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता लाना था। इसके अनुसार, चुनावी बॉन्ड भारत के किसी भी नागरिक या देश में निगमित या स्थापित इकाई द्वारा खरीदा जा सकता है। यह फैसला आगे की कदमी में नजर रखता है, जबकि यह योजना पहले नवंबर 2022 में बदलाव कर दी गई थी, जिससे विधानसभा चुनाव के साथ 15 दिनों की बिक्री की अनुमति दी गई थी।