कर्नाटक :1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान, भारतीय नौसेना ने INS राजपूत के माध्यम से पाकिस्तान की पनडुब्बी PNS गाजी को डूबाया। यह घड़ीभर के मोमेंट में भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ।
14 नवंबर, 1971 को PNS गाजी ने कराची से चुपके-चुपके विशाखापत्तनम की ओर रुख किया, और इस समय INS राजपूत उसका पीछा कर रहा था। भारतीय नौसेना ने गाजी के साथ संघर्ष किया और उसे गहराई में डाले गए बमों से डूबा दिया।
भारतीय नौसेना के जवानों ने DSRV (डीप सबमर्सिबल रिस्क्यू विहिकल) की मदद से PNS गाजी के मलबे को लगभग 100 मीटर की गहराई में समुद्र से निकाला। यह ओपरेशन भारतीय नौसेना की प्रबलता और कुशलता को दिखाता है।
यह घड़ीभर का संघर्ष ने भारत को इतिहास में अपनी पहली बड़ी और निर्णायक सैन्य जीत के रूप में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। INS राजपूत और उसके जवानों की वीरता ने भारतीय सेना को गर्वित किया और देश को एक मजबूत संदेश भेजा कि वह अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। गांजा पनडुब्बी को पाकिस्तान ने अमेरिका से लिज पर ले रखा। पाकिस्तान ने 1965 के युद्ध में भारत के विरुद्ध गाजा पनडुब्बी को लड़ाई के लिए भेजा था।उसे दौरान पाकिस्तान अपने मंसूबे पर कामयाब नहीं हो पाया था ,लेकिन आज के ही दिन 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने अपनी पराक्रम दिखाते हुए गाजा पनडुब्बी को विशाखापट्टनम के समुद्री क्षेत्र में मार गिराया था। आज इस डूबे हुए जहाज का मालवा बरामद किया गया है।जिसमें अनेक सैनिक मारे गए थे।भारत सरकार ने फैसला किया है कि डूबे हुए गाजा पनडुब्बी को समुद्र से नहीं निकलेगी।उसे समुद्र में ही दफन रहने दिया जाएगा। गाजा पनडुब्बी पाकिस्तान और अमेरिका के लिए शर्म का प्रतीक बन गया है।