केरल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान की तैयारियों की समीक्षा के लिए केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचकर चार यात्रीयों को सम्मानित किया। इस मिशन में शामिल ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप, और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। प्रधानमंत्री ने इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का भी दौरा किया, जहां उन्होंने मिशन की समीक्षा की।
गगनयान मिशन का उद्देश्य और योजना
गगनयान मिशन, जिसे भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन माना जाता है, का उद्देश्य चार यात्रीयों को अंतरिक्ष में भेजना है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान के बाद, 2025 तक मानव यात्रा को लॉन्च किया जा सकता है। मिशन का लक्ष्य 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और सुरक्षित पृथ्वी पर उन्हें वापस लाना है।
रूसी मिशन Soyuz MS-10 की जानकारी
अक्टूबर 2018 में रूस का Soyuz MS-10 मिशन अपने साथी एजेंसी नासा के सहयाक से लॉन्च किया गया था, जिसमें एक बूस्टर फेल हो गया था। क्रू ने लॉन्च एस्केप सिस्टम की मदद से सुरक्षित बाहर निकलने में सफलता प्राप्त की। इससे भारत ने मानव मिशन में क्रू की सुरक्षा को लेकर अनुभव से सीखा है।
गगनयान के सफल होने पर भारत की खास सूची में शामिली
गगनयान मिशन के सफल होने पर भारत उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने स्वदेश में मानव अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। इससे भारत को अमेरिका, रूस, और चीन के साथ स्वायत्त मानव अंतरिक्ष यात्रा की क्षमता हासिल होगी।