प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता में देश की पहली अंडर वॉटर मेट्रो टनल का किया उद्घाटन, जानिए खासियत

पश्चिम बंगाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने बुधवार को कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड खंड का उद्घाटन किया। ये अंडर-वॉटर मेट्रो टनल हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच दौड़ेगी। कोलकाता मेट्रो हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड टनल भारत में किसी भी नदी के नीचे बनाई जाने वाली पहली परिवहन सुरंग है। यह हावड़ा मेट्रो स्टेशन भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल में सवार हुए। इस दौरान उन्होंने छात्रों के साथ संवाद किया। बताते चलें कि, भारत में सबसे पहले मेट्रो का संचालन कोलकाता में ही साल 1984 में शुरू किया गया था। उसके 18 साल बाद दिल्ली में साल 2002 में मेट्रो का संचालन शुरू किया गया था।
आईआईएम-कलकत्ता के एसोसिएट प्रोफेसर आलोक कुमार ने रेलवे पर काफी रिसर्च किया। इसके बाद इस विचार को 1980 के दशक में तत्कालीन रेल मंत्री एबीए गनी खान चौधरी द्वारा फिर से आगे बढ़ाया गया था। 2008 में यूपीए सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद 2009 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। लेकिन राजनीतिक बाधाओं और लागत में वृद्धि के कारण परियोजना में देरी हुई।
भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो (Underwater Metro) सेवा कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर प्रोजेक्ट का हिस्सा है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना सेक्टर V को हुगली नदी के दूसरी ओर हावड़ा मैदान से जोड़ेगी। इसे 8,600 करोड़ रुपये में बनाया जा रहा है। हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच 4।8 किलोमीटर की दूरी है।
मेट्रो रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का 4।8 किलोमीटर लंबा हिस्सा 4,965 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के कुल 16।6 किलोमीटर में से 10।8 किमी भूमिगत है, जिसमें नदी के नीचे सुरंग भी शामिल है। मेट्रो ट्रेन से नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी को केवल 45 सेकंड में पार करने की उम्मीद की जा रही है।अंडर वाटर मेट्रो रूट कोलकाता मेट्रो की ग्रीन लाइन पर स्थित है, जो 16।6 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर है। यह ईस्ट कोलकाता में आईटी हब साल्ट लेक सेक्टर पांच और वेस्ट में हावड़ा मैदान को जोड़ता है। यह रूट सियालदह और एस्प्लेनेड से होकर गुजरता है। इस कॉरिडोर का पहला फेज सेक्टर पांच से सियालदह के बीच है। वर्तमान में यह ऑपरेशनल है।

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