पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 7 साल की सजा के साथ लगा आर्थिक दंड

यूपी : जौनपुर अभिनव सिंघल अपहरण केस मामले में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनायी। जौनपुर लाइन बाजार थाना क्षेत्र में 10 मई 2020 को हुए अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम को अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी ने सजा सुनायी।
वहीं इस मामले में केस दर्ज होने के बाद पूर्व सांसद गिरफ्तार हुए। बाद में उनकी जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट से हुई। इस केस की पिछली तारीख पर धनंजय और संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया था।
इसमें कहा था कि, वादी पर दबाव डालकर केस दर्ज करवाया गया। उच्चाधिकारियों के दबाव में अदालत में केस डायरी दाखिल की गई। वादी ने पुलिस को दिए बयान और धारा 164 के बयान में घटना का समर्थन नहीं किया है।शासकीय वकील ने लिखित आपत्ति किया कि वादी की लिखित तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मेसेज और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है। वादी पर केस वापस लेने का दबाव बनाया गया।अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था। अगली तिथि पर दोनों आरोपी कोर्ट में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ था। कोर्ट ने वादी अभिनव को गवाही के लिए तलब किया था।जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह का आपराधिक इतिहास तीन दशक से ज्यादा समय का है। पुलिस डोजियर के अनुसार धनंजय सिंह के खिलाफ वर्ष 1991 से 2023 के बीच जौनपुर, लखनऊ और दिल्ली में 43 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए।इनमें से 22 मामलों में अदालत ने धनंजय को दोषमुक्त कर दिया है। तीन मुकदमे शासन ने वापस ले लिए हैं। हत्या के एक मामले में धनंजय की नामजदगी गलत पाई गई और धमकाने से संबंधित एक प्रकरण में पुलिस की ओर से अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की गई। यह पहला मामला है, जिसमें धनंजय को दोषी करार दिया गया।

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