नई दिल्ली : डॉक्टरों का महत्व भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय समाज में डॉक्टर को अक्सर धरती का भगवान माना जाता है। लेकिन अब आरोप लग रहे हैं कि कुछ डॉक्टर दवा बनाने वाली कंपनियों की ओर से मिलने वाले उपहारों के लालच में फंस जाते हैं। जिस कंपनी ज्यादा बड़ा उपहार देती है, उसी कंपनी की दवा को डॉक्टरों लिखते हैं।
भारत सरकार का नया निर्देश : अब भारत सरकार ने डॉक्टरों को उपहार देने पर कानूनी पाबंदी लगा दी है। बुधवार से इस नए कानून की लागू होने से, डॉक्टरों को गिफ्ट (उपहार) देने वाली व्यवस्था बंद कर दी गई है। इस संदेश को फार्मा कंपनियों तक पहुंचाने के लिए समान संहिता (यूसीपीएमपी) को अधिसूचित किया गया है। इसके अनुसार, कोई भी फार्मा कंपनी डॉक्टरों को किसी तरह का उपहार नहीं देगी और न ही उन्हें विदेशी दौरों पर भेजेगी।अगर दवा कंपनी उपहार देते पकड़े गए तो उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।
फिर से आत्मगति की दिशा : यह कदम चिकित्सा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की उम्मीद जताता है। डॉक्टरों को उपहार देने के माध्यम से होने वाली भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।