रुस: तीन दिन की चुनावी प्रक्रिया के बाद आखिरकार व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए। इसमें किसी को आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि यह पहले से तय माना जा रहा था कि पुतिन ही आसानी से 5वीं बार यह इलेक्शन जीत जाएंगे। उन्होंने रविवार को हुए चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल की। हालांकि बड़ी संख्या में विरोधियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। अमेरिका ने भी रूस में हुए प्रेसिडेंट इलेक्शन को लेकर कहा कि रूस में वोटिंग निष्पक्ष नहीं थी। हालांकि पुतिन ने दुनिया को एक बार फिर जता दिया कि रूस में वे कितने ताकतवर नेता हैं। जानते हैं उनके सियासी सफर के बारे में। यह भी जानेंगे कि आखिर ऐसी कौनसी लोकप्रियता है कि वे लगातार राष्ट्रपति चुनते आ रहे हैं।
1999 में पहली बार सत्ता में आए थे पुतिन, और अब 2024 में पांचवी बार सत्ता में वापस सिरमौर बनकर दुनिया को बता दिया कि चाहे जंग हो या शांति पुतिन और रूस एकदूसरे के पर्याय हैं। ऐसा 2030 तक कायम रहेगा। 71 वर्षीय पुतिन आसानी से अब एक बार फिर अपना छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लेंगे। इसके साथ ही वे नया रिकॉर्ड भी कायम कर लेंगे। वे रूस के सर्वकालिक रूप से महान नेता जोसेफ स्टालिन से आगे निकल जाएंगे और 200 से अधिक वर्षों तक रूस के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेता बन जाएंगे।
पुतिन को मिले 87 फीसदी से ज्यादा वोट
पोलस्टर पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एक एग्जिट पोल के अनुसार, पुतिन ने 87.8% वोट हासिल किए, जो रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा परिणाम है। रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा है। पहले आधिकारिक नतीजों ने संकेत दिया कि चुनाव सटीक थे।
पुतिन के फिर राष्ट्रपति बनने से पश्चिमी देशों को लगा झटका
अमेरिका और पश्चिमी देशों को पुतिन की ताजपोशी से लगा झटका लगा है। यूक्रेन को लगातार सैन्य और आर्थिक मदद करने वाले पश्चिमी देशों को लग रहा थ कि रूस में पुतिन को लगातार जंग का खामियाजा जनता के गुस्से के रूप में देखना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच अमेरिका ने रूस में चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्न खड़ा कर दिया। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, “चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है।
लगातार 5वीं जीत, पुतिन ने रच दिया इतिहास, स्टालिन से आगे निकले
इस जीत के साथ पुतिन ने साल 2030 तक के लिए नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। इसके साथ ही पुतिन रूस की सत्ता में बनने रहने के मामले में जोसेफ स्टालिन से भी आगे निकल गए हैं। स्टालिन रूस के 200 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में बने रहने वाले लीडर थे, लेकिन अब पुतिन ने उनको पीछे छोड़ दिया है और नया रिकॉर्ड कायम करने जा रहे हैं।