टिकट नहीं मिलने पर खाया था जहर, MDMK सांसद का हुआ निधन

चन्नई : तमिलनाडु के इरोड से सांसद और MDMK नेता ए. गणेशमूर्ति का काफी दिनों से अस्पताल में इलाज चल रहा था।उनका इलाज के दौरान हाड़ अटेक आने से मौत हो गई।
गणेशमूर्ति के पार्थिव शरीर को इरोड के पेरियार नगर स्खित उनके गृह आवास पर ले जाया जाएगा। उन्होंने गुरुवार की सुबह पांच बजे कोयंबटूर के निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। चार दिन पहले उन्होंने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, तब से वे अस्पताल में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। बताया जा रहा है टिकट कटने से तनाव में थे। जिसके कारण जहर खाली थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से टिकट न मिलने पर वे डिप्रेशन में थे, जिसके चलते उन्होंने सुसाइड की कोशिश की। कीटनाशक पीने के बाद उन्हें उल्टी और बैचेनी होनी लगी।
जब उन्होंने जहर खाने की बात परिवार को बताई तो पहले उन्हें इरोड शहर के एक अस्पताल लाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें कोयंबटूर के एक प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। जहां उनकी हालत लगातार गंभीर बताई जा रही थी।

रविवार को कीटनाशक पीने के बाद लगातार उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी।

ECMO सिस्टम पर चल रहा था इलाज

गणेशमूर्ति की हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें ECMO (एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्बर्स ऑक्सीजन) सिस्टम पर रखा था, लेकिन बॉडी इस इलाज पर रिस्पॉन्स नहीं दे रही थी। उनके निधन पर DMK पार्टी के प्रमुख वाइको ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के दौरान वह बेहोश थे उन्होंने ऐसा क्यों किया हमें नहीं पता।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सांसद के पार्थिव शरीर को इरोड के पेरियार नगर स्थित उनके गृह आवास पर ले जाया जाएगा।

1989 में पहली बार विधायक, 1998 में लोकसभा सांसद बने

गणेशमूर्ति अपने स्कूल के दिनों में DMK की छात्र शाखा के संयुक्त आयोजक थे। 1984 में उन्हें DMK छात्र विंग के इरोड जिला सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया। 1989 में उन्होंने पार्टी के टिकट पर मोडाकुरिचि विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
गणेशमूर्ति 1984 से लगातार राजनीति में सक्रिय थे।
1996 में जब वाइको ने पार्टी को विभाजित कर मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) को लॉन्च किया, तब गणेशमूर्ति उनके साथ नई पार्टी में शामिल हो गए। 1998 और 2009 में वे MDMK के टिकट पर इरोड से लोकसभा के लिए चुने गए। 2019 में उन्होंने DMK के टिकट पर जीत हासिल की।
गणेमूर्ति के निधन के बाद MDMK के सूत्रों ने कहा कि ऐसा कहना गलत होगा कि गणेशमूर्ति ने टिकट न मिलने की वजह से आत्महत्या की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत के बीच गणेशमूर्ति को टिकट मिलने की पूरी संभावना थी। सूत्रों ने इस बात की आशंका जताई कि गणेशमूर्ति ने पारिवारिक परेशानी के चलते जहर खाया होगा।

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