झारखंड: झारखण्ड एटीएस ने पांडेय गिरोह के कुख्यात अपराधी गोविंद राय को गिरफ्तार कर लिया है। झारखण्ड एटीएस की टीम काफी दिनों से गोविंद के पीछे लगी हुई थी।झारखण्ड के रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग के साथ-साथ कई अन्य शहरों में पांडेय गिरोह सक्रिय है।
एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोविंद राय को ओड़िशा से गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तार गोविंद राय के ऊपर हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं।गोविंद राय की तलाश रामगढ़, बोकारो के साथ-साथ कई जिलों की पुलिस को थी पर वह एटीएस के हाथ लगा।एटीएस की टीम पिछले एक महीने से गोविंद राय के पीछे लगी हुई थी।एटीएस की कई टीम ओडिशा में डेरा डाले हुई थी। सटीक सूचना के आधार पर गोविंद राय को उस समय एटीएस की टीम ने दबोच लिया, जब वह मोबाइल खरीदने के लिए अपने ठिकाने से बाहर निकला था।
एटीएस सूत्रों के अनुसार ओड़िशा से गोविंद राय को गिरफ्तार करने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच राँची लाया गया है।एटीएस गोविंद राय से उसके गैंग को लेकर पूछताछ कर रही है। जल्दी एटीएस की ओर से गोविंद राय की गिरफ्तारी के संबंध मेंआधिकारिक रूप से खुलासा किया जाएगा। गोविंद इतना खतरनाक अपराधी है कि उस पर 10 लाख रुपए के इनाम का प्रस्ताव भी भेजा गया था। हालांकि प्रस्ताव अभी भी लंबित है।
पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी के जेल जाने के बाद गोविंद राय ही गैंग को संचालित कर रहा था। गोविंद राय आदतन अपराधी है।रामगढ़ जिले के रहने वाले गोविंद राय पर रामगढ़, बोकारो सहित कई जिलों में हत्या के मामले भी दर्ज हैं।खासकर रामगढ़ के पतरातू और उसके आसपास के कोयला क्षेत्र में गोविंद राय का ज्यादा ही आतंक था।
बता दें कि भोला पांडेय और किशोर पांडेय की गैंगवार में हत्या के बाद विकास तिवारी पांडेय गिरोह की कमान संभाल रहा था। विकास तिवारी के द्वारा अपने सबसे बड़े दुश्मन श्रीवास्तव गिरोह के मुखिया सुशील श्रीवास्तव की दिनदहाड़े हजारीबाग कोर्ट में हत्या कर दी गई थी। सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद विकास तिवारी काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।जिसके बाद से वह जेल में बंद है।जेल में रहकर ही वह गोविंद राय के जरिए रामगढ़, बोकारो और हजारीबाग के कोयला क्षेत्र में रंगदारी की वसूली करवाता है।