नई दिल्ली : रेलवे से आरामदायक यात्रा करने को लेकर लोग कई बार महीनों पहले टिकट कटा लेते हैं। बीच में प्रोग्राम चेंज होने पर टिकट कैंसल कराते हैं। टिकट कैंसल करने पर लोगों को घाटा होता है। हालांकि रेलवे को आमदनी होती है। टिकट कैंसलेशन से रेलवे को होने वाली आमदनी का एक आंकड़ा भी सामने आया है।
वर्तमान में लोग आईआरसीटीसी की वेबसाईट से ऑनलाइन टिकट कटा लेते हैं। कंफर्म होने की आस में कई बार लोग वेटिंग टिकट बुक कर लेते हैं। यात्रा के दिन तक कंफर्म नहीं होने पर खुद रेलवे खुद उस टिकट को कैंसिल कर देती है। लोगों द्वारा भुगतान की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा सर्विस चार्ज के रूप में काट लेती है।
उदाहरण के लिए 240 रुपये की वेटिंग टिकट बुक करने पर टिकट कंफर्म नहीं होने पर रेलवे द्वारा मात्र 180 रुपये वापस किए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि बिना किसी सर्विस का फायदा पाये ही लोगों को सर्विस चार्ज चुकाना पड़ता हैं।
टिकट कैंसलेशन से रेलवे को प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की कमाई हो रही हैं। एक आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 में भारतीय रेल ने टिकट कैंसलेशन के नाम से से लगभग 2110 करोड़ रुपये कमाये।