यमुनानगर : मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल यमुनानगर की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिव्या मंगला ने गृष्म ऋतु में होने वाली सामान्य बीमारियों से होने वाले खतरों बारे जानकारी देते हुये बताया कि गर्मियों में कई बीमारियों का खतरा बढ जाता है, जिनसे हमें सावधान रहना चाहिये। उन्होने कहा कि बदलते मौसम का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पडता है, इस मौसम में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है तथा विभिन्न प्रकार के संक्रमण लोगों को प्रभावित करते हैं। डॉ. मंगला ने कहा कि सर्दी से गर्मियों के बदलाव के समय तो सर्द-गर्म होना तो सामान्य बात है। इसके अलावा गर्मी में बढते तापमान के कारण भोजन पर बैक्टीरिया, वॉयरस्, विषाक्त पदार्थ तेजी से पनपने लगते हैं, जिससे पेट दर्द, दस्त अथवा उल्टी जैसी समस्याओं का खतरा भी उतपन्न हो जाता है। अतः ऐसे में बासी भोजन या अस्वच्छ भोजन का सेवन नहीं करना चाहिये। उन्होने कहा कि बच्चों तथा बुजुर्ग व्यक्तियों को संक्रमण जल्द प्रभावित करते हैं। डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि विभागों द्वारा आशंका जताई गई है कि इस वर्ष सामान्य से अधिक गर्मी पडने का अंदेशा है। अतः उन्होने कहा कि बढते पारे और लू के मौसम को सेहत के लिये चुनौतीपूर्ण माना जायेगा तथा आपकी लापरवाही कई प्रकार की बीमारियों को बढावा दे सकती है। डॉ. दिव्या ने कहा कि मौसम का प्रभाव पेट से लेकर आँखों व त्वचा तक को प्रभावित कर सकता है। उन्होने बताया कि इस मौसम में फूड पॉइजनिंग, डिहाईड्रेशन, पीलिया अथवा आँखों की समस्या हो सकती है। प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ मंगला ने बताया कि गर्मी की सबसे आम बीमारियों में फूड पॉइजनिंग की दिक्कत सबसे आम हैं। दूषित भोजन या पानी के सेवन के कारण यह समस्या होती है, अत्यधिक गर्मी होने पर बासी खाने में विषक्त पदार्थ होने लगते हैं, जिसके कारण पेट दर्द, दस्त व उल्टी की समस्या होती है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि डिहाईड्रेशन अर्थात शरीर में पानी की कमी होना भी गर्मियांे की समस्या है, गर्मियों में पसीने के रूप में शरीर से पानी बाहर आ जाता है तथा शरीर में पानी की कमी के कारण कमजोरी, थकान, रक्तचाप अथवा बुखार की समस्या हो सकती है। डॉ. दिव्या ने बताया कि गर्मियों में खराब खान-पान के कारण मनुष्य के लिवर पर भी प्रभाव पडता है, जिसके चलते पीलिया होने की सम्भावना भी बढ जाती है, जिसके चलते त्वचा-आँखों में पीलापन, पेशाब के रंग में दिक्कत होती है। साथ ही उन्होने बताया कि सूरज की तेज किरणों अथवा बढती गर्मी के कारण आँखों से सम्बंधित समस्या होती है, जैसे-एलर्जी, लालिमा, जलन व चुभन आदि दिक्कतें होती हैं। डॉ. दिव्या मंगला ने इन समस्याओं से बचाव के लिये जिलावासियों को स्वास्थ्य सलाह देते हुये कहा है कि गर्मियों के मौसम में गर्मी से बचाव के उपायों द्वारा इन बीमारियों से बचा जा सकता है तथा इस मौसम में बच्चो व बुजुगों का विशेष ध्यान रखना चाहिये। उन्होने कहा कि अधिकतर बच्चों को लू घर से बाहर धूप में निकलने के कारण लगती है अथवा आजकल सिधा ए.सी. से धूप में जाने के कारण भी तापमान परिवर्तन से समस्याऐं होती हैं। डॉ. मंगला ने विशेष रूप से कहा कि बासी भोजन-पानी या ऐसी चीजों को खाने से बचें जो बहुत पुराने समय से रखी हुई हों इसके साथ ही परिरक्षित खाद्य पदार्थों का सेवन भी अंतिम तारीख देख कर ही करें। इसके साथ ही उन्होने बताया कि आँखों के बचाव के लिये धूप से बचने के लिये चश्मों का प्रयोग करें, समय-समय पर आँखों को ठंडे व साफ पानी से धोते रहें तथा आँखों की साफ-सफाई का ध्यान रखें। डॉ. दिव्या मंगला ने कहा कि गर्मियों के मौसम में शरीर में पानी की आपूर्ति समय-समय पर करते रहें। अधिक से अधिक पेय पदार्थों का सेवन करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को समय-समय पर पानी के अलावा घर पर नींबू पानी, जलजीरा, आम-पन्ना अथवा अन्य फलों का जूस घर पर ही निकाल कर पिलायें। बच्चों को पैक कॉल्ड-ड्रींकस् की आदत ना डालें अत्यधिक पैक सोडा ड्रींकस् भविष्य में बच्चों को दिक्कत देते हैं अतः घर पर ताजा पेय पदार्थ बना कर बच्चो का पिलायें। इसके साथ ही उन्होने कहा कि सभी को मौसमानुसार फल व सब्जीयों का सेवन करना चाहिये जिससे आवश्यक आहार शरीर को मिलता रहे। इससे शरीर में वीटामिन-मीनर्लस् व पानी की आपूर्ति होगी तथा हम सामान्य बीमारियों से बचे रहेंगे। इसके साथ ही डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि गर्मियों के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों का भी आरम्भ हो जाता है, जिससे की घातक बीमारियॉं डेन्गू-मलेरिया, चिकन गुनिया आदि जैसी घातक बीमारियाँ भी होती हैं। ऐसे में उन्होने सभी को सलाह दी है कि वे मच्छरों से बचाव के भी उपाय करें तथा स्वय् को व बच्चों सहित सभी परिवारजन को मच्छरों से बचायें। उन्होने कहा कि घरों के आस-पास पानी एकत्र ना होने दें, साफ-सफाई का ध्यान रखें तथा पूरे कपडे पहने। इसके साथ-साथ घर में मच्छरों की रोकथाम के लिये मच्छरदानी, मच्छर मारने की दवाओं का प्रयोंग करें ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके। डॉ. मंगला ने कहा कि हमारी सावधानियाँ ही हमें इस मौसम में इस प्रकार की बीमारियों से बचा सकती हैं तथा स्वस्थ रख सकती हैं, क्योंकि स्वस्थ जीवन ही सुखी जीवन का आधार है।