नई दिल्ली : भारत और फिलीपींस के द्विपक्षीय रणनीतिक सम्बन्धों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक हो गया है, क्योंकि विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की पहली खेप भारत से फिलीपींस पहुंच गयी है। दोनों देशों के बीच 2022 में हुए सौदे के तहत भारतीय वायु सेना के ताकतवर सी-17 ग्लोबमास्टर ने पहली खेप लेकर हिंडन एयरफोर्स से उड़ान भरी। भारत का विमान फिलीपींस वायु सेना के क्लार्क एयरबेस पर उतर चुका है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने 28 जनवरी, 2022 को फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ एक औपचारिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। भारत से सुपरसोनिक मिसाइल खरीदने के लिए 374 मिलियन डॉलर से अधिक का यह सबसे बड़ा और पहला विदेशी सौदा था। भारत (डीआरडीओ) और रूस (एनपीओएम) के संयुक्त उद्यम ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस विकसित की है। ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे पर भारत और फिलीपींस के बीच वर्षों से बातचीत चल रही थी। दोनों देशों ने 03 मार्च, 2020 को प्रमुख रक्षा संधि पर हस्ताक्षर किये थे।
भारत के साथ मिसाइल का यह सौदा पूरा करने के बाद फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ दशकों से चल रहे क्षेत्रीय विवादों के साथ-साथ सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। अब फिलीपींस अपनी लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए भारत से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों के एक बैच खरीद रहा है। स्वदेशी रूप से विकसित एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) 5.5 टन भार वर्ग में एक जुड़वां इंजन, बहु-भूमिका, बहु-मिशन नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है और इसे विभिन्न सैन्य अभियानों के लिए एक प्रभावी प्लेटफ़ॉर्म माना जाता है।फिलीपींस दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। पिछले कुछ वर्षों के भीतर खासकर समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों में तेजी आई है। फिलीपींस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) का एक प्रमुख सदस्य भी है, जिसके साथ पिछले एक दशक में भारत के सम्बन्धों में बड़ा विस्तार हुआ है। फिलीपींस ने भारत से आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी खरीदने के लिए रुचि दिखाई है। स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर का निर्यात बढ़ाने के प्रयासों के बीच आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली ने भारत को एयरोस्पेस की दुनिया में नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।