नई दिल्ली:कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट्स के आरोप झेल रही दिग्गज फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सभी कोरोना वैक्सीन को मार्केट से वापस ले लिया है। इसमें भारत में बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन भी शामिल है। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि वह वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस ले रही है। पहले कंपनी ने वैक्सीन के दुष्प्रभावों को भी स्वीकारा था, हालांकि फार्मा दिग्गज का कहना है कि वैक्सीन को बाजार से किसी और कारण से हटाया जा रहा है।
एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन भारत में कोविशील्ड के नाम से लगाई गई थी। अब कंपनी ने खुद से बनाई कोविड-19 वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस ले लिया है। इससे पहले कंपनी ने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि उसके द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन लगने से खून के थक्के जमना जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि, फार्मा दिग्गज ने कहा कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है। टेलीग्राफ ने मंगलवार को कंपनी के हवाले से कहा कि अब वैक्सीन का निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है।
कंपनी की तरफ से तर्क दिया गया है कि हमने यह निर्णय ऐसे वक्त में लिया है, जब वैक्सीन लगाने से साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं। यह पूरी तरह से संयोग है। वैक्सीन को बाजार से हटाने का कारण कुछ और है। हालांकि कंपनी ने इस पर ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया। जानकारी के अनुसार, वैक्सीन को बाजार से वापसी के लिए आवेदन बीते 5 मार्च को किया था जो 7 मई को प्रभावी हुआ।
गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन से टीटीएस – थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण सामने आए थे। एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई वैक्सजेवरिया नामक वैक्सीन यूके समेत कई देशों में सप्लाई की गई थी और इस वैक्सीन के भी दुर्लभ दुष्प्रभाव जांच के दायरे में हैं। इससे बीमार व्यक्ति को खून में थक्के जमना और कम प्लेट लेट्स की शिकायत हुई है। फरवरी में कोर्ट की कार्यवाही के दौरान कंपनी ने यह स्वीकार किया था कि वैक्सीन लगाने के बाद इसकी संभावना है कि टीटीएस हो। टीटीएस के कारण यूके में कम से कम 81 लोगों की मौत हो चुकी है। कंपनी मरने वालों के 50 से अधिक रिश्तेदारों द्वारा दायर मुकदमे का सामना कर रही है। भारत में कुछ परिवारों ने कंपनी के खिलाफ मुकदमे किए हैं।
टेलीग्राफ के हवाले से एस्ट्राजेनेका ने कहा, “वैश्विक महामारी को समाप्त करने में हमें अपनी कोरोना वैक्सीन पर गर्व है। एक अनुमान के अनुसार, इसके अकेले उपयोग करने के पहले वर्ष में 6.5 मिलियन से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी और विश्व स्तर पर इसकी तीन बिलियन से अधिक खुराक की आपूर्ति की गई। हमारे प्रयासों को दुनिया भर की सरकारों ने मान्यता दी है और व्यापक रूप से वैश्विक महामारी को समाप्त करने में हमने एक अभूतपूर्व योगदान दिया है।”