चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए मास्टर साहेब ने बनाए अजब-गजब बहाने ; पकड़े गए, पड़ी फटकार

यूपी: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान होते ही बड़े पैमाने पर मतदान कार्मिकों की ड्यूटी का चार्ट पेपर तैयार हो जाता है।जिनकी ड्यूटी लगाई जाती है उनको चुनाव में ड्यूटी करने का लेटर पकड़ा दिया जाता है। उसके बाद चुनाव से ड्यूटी कटवाने का खेल शुरू हो जाता है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से, जहां मास्टर साहेब (टीचर्स) चुनाव से ड्यूटी कटवाने के लिए अजब-गजब के बहाने लेकर सीडीओ दफ्तर के चक्कर लगाने लगे हैं।
इनमें से अधिकांश ने ड्यूटी न करने के वजह बीमारी बताई है। इसको लेकर DM के निर्देश पर CDO ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया है। इस दौरान एक टीचर हाथ में प्लास्टर लगाए पहुंच गए, जब मेडिकल टीम ने चेक किया तो मास्टर साहेब का हाथ बिल्कुल सही पाया गया।कोई फ्रैक्चर या किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं मिली।

इसी प्रकार एक मास्टर साहेब यह बहाना लेकर पहुंच गए कि उन्हें आंखों से कम दिखाई देता, इसलिए वह लोकसभा चुनाव में ड्यूटी नहीं करना चाहते। इस पर डीडीओ ने पूछा कि पढ़ाते कैसे हैं तो मास्टर साहेब ने बताया कि पहले छात्र बोलते हैं, उसके बाद वह आगे पढ़ाते हैं। इस पर जिला विकास अधिकारी ने फटकार लगाते हुए उन्हें चुनाव में ड्यूटी करने के लिए निर्देशित किया। फिलहाल, जांच की पूरी रिपोर्ट सीडीओ प्रत्यूष पांडेय ने जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिया है।
गौरतलब है कि देवरिया जनपद में एक जून को चुनाव होना है, यहां मतदान सम्पन्न कराने के लिए पीठासीन, प्रथम मतदान अधिकारी समेत अन्य मतदान कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है।प्रथम प्रशिक्षण होने के उपरांत मतदान कार्मिक अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

कोई जनप्रतिनिधि की सिफारिश लेकर पहुंच रहा तो कोई बड़े अधिकारी का। ये सब देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया, जो एक सप्ताह तक चला। इसमें टीचर द्वारा ऐसी-ऐसी बीमारी का बहाना बताया गया कि मेडिकल टीम भी चौंक गई कि आखिर में ये टीचर स्कूल में पढ़ाने कैसे जाते हैं।बाद में उन्हें फटकार सुननी पड़ी और बैरंग वापस लौटना पड़ा।
मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय ने बताया कि गांधी सभागार में मेडिकल टीम एक सप्ताह तक रोजाना दिन में बैठती थी और बीमारी वजह बताने वाले कर्मियों की जांच करती थी।इसमें 268 आवेदन लेकर कर्मी प्रस्तुत हुए जिसमें 155 अनफिट पाए गए, बाकी सभी सही थे। इसमें एक-आध तो ऐसे पाए गए कि मेडिकल टीम भी हैरत में पड़ गई। जैसे कि पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी कटवाने के लिए कोई फर्जी तरीके से हाथ मे प्लास्टर लगाकर आया तो कोई कम दिखने का बहाना बता रहा था। बाद में जांच में फिट पाए जाने पर उन्हें सख्त हिदायत दी गई।
आपको बता दें कि जनपद में 1575 मतदान केंद्र व 2514 बूथ बनाए गए हैं। हर बूथ पर पीठासीन अधिकारी समेत 4 मतदान कार्मिक की ड्यूटी लगाई गई है। लगभग 10,0156 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा दस प्रतिशत को रिजर्व भी रखा गया है।

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