कानपुर में गोलगप्पे खाने को लेकर चली गोली, दर्जन से अधिक लोग घायल

यूपी:कानपुर देहात के रनिया थाना क्षेत्र में गोलगप्पे (पानी के बताशे) खाने को लेकर मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। इस घटना में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि एक व्यक्ति के पैर में गोली लगी। विवाद के दौरान एक शख्स ने छत से लाइसेंसी बंदूक से ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, वहीं नीचे से कुछ लोग पत्थरबाजी कर रहे थे।

घटना का वीडियो वायरल
इस खूनी संघर्ष का एक मिनट पैंतीस सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें छत से गोली चलाते हुए एक व्यक्ति और नीचे से पत्थरबाजी करते लोग साफ दिख रहे हैं। इस वीडियो ने पुलिस की निष्क्रियता और लोगों के बेखौफ इरादों को उजागर कर दिया है।

मामूली विवाद से बढ़ा संघर्ष
दोपहर में पानी के बताशे खाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हुई और देखते ही देखते विवाद बढ़ गया। एक पक्ष ने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की। लेकिन इससे नाराज दूसरे पक्ष ने मारपीट शुरू कर दी।

छत से चली गोलियां
मारपीट के दौरान एक व्यक्ति ने अपने घर की छत पर चढ़कर लाइसेंसी बंदूक से गोलियां चलाईं। इस दौरान एक युवक के पैर में गोली लगी और कई लोगों के शरीर में छर्रे लगे। नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे पत्थरबाजी भी होती रही, जिससे दोनों पक्षों के साथ-साथ राहगीर भी गंभीर रूप से घायल हो गए।

पुलिस की भूमिका पर सवाल
घटना के दौरान पुलिस कर्मी भी मौके पर जाने से बचते रहे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। घटना के बाद घायलों को अकबरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

### आरोप-प्रत्यारोप
घटना में गोली चलाने वाले रवि गुप्ता की बहन बबली गुप्ता ने बताया कि दूसरा पक्ष जबरन उनकी दुकान बंद कराने आया था और मारपीट शुरू कर दी थी। इसी दौरान रवि गुप्ता ने अपने परिवार की रक्षा के लिए गोलियां चलाईं। वहीं, गोली से घायल पंकज ने बताया कि वह अपनी रिश्तेदारी में रनिया के अरुणगर आया हुआ था और सड़क पर जाते समय इस बवाल में चल रही गोली उसके पैर में लग गई।

पुलिस का बयान
कानपुर देहात के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश पांडे ने बताया कि पानी के बताशे खाने को लेकर मामूली विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन आरोपी पक्ष ने इस बात से नाराज होकर दूसरे पक्ष के साथ मारपीट की, जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल गई।

यह घटना बताती है कि कैसे मामूली विवाद भी गंभीर हिंसा का रूप ले सकता है और पुलिस की निष्क्रियता किस प्रकार स्थिति को और खराब कर सकती है।

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