झारखंड के विभिन्न जिलों में चमगादड़ों की रहस्यमयी मौतें, लोगों में चिंता का माहौल

रांची: झारखंड के कई जिलों से भारी संख्या में चमगादड़ों के मरने की खबर आ रही है। गढ़वा, गिरिडीह, हजारीबाग और रांची जिलों में अब तक बड़ी संख्या में चमगादड़ मर चुके हैं। अब लातेहार जिला के मनिका प्रखंड के कोइली गांव में बड़ी संख्या में मृत चमगादड़ मिले हैं। यह खबर इलाके में फैलते ही लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लातेहार डीएफओ रोशन कुमार ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से मृत चमगादड़ों के पास नहीं जाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मृत चमगादड़ों के संपर्क में आने से लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि चमगादड़ों की मौत कैसे हुई। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि भीषण गर्मी के कारण चमगादड़ों की मौत हुई होगी।

**पुजारियों को अनहोनी की आशंका**

उधर गिरिडीह जिले के प्रसिद्ध हरिहर धाम में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत से वहां हड़कंप मच गया है। पुजारियों को इलाके में किसी बीमारी के फैलने की आशंका सताने लगी है। लंबे समय से ये चमगादड़ मंदिर परिसर के एक पेड़ पर रह रहे थे। लोगों का कहना है कि भीषण गर्मी की वजह से चमगादड़ों की मौत हुई है, जबकि पंडित किसी अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। मंदिर के प्रबंधक भीम यादव ने बताया कि हरिहर धाम मंदिर में करीब एक हजार से अधिक चमगादड़ बगीचे के पेड़ों पर हैं। भीषण गर्मी की वजह से उनकी मौत हो रही है। ऐसा माना जाता है कि इन पक्षियों में गर्मी सहने की क्षमता बहुत कम होती है।

**मरे चमगादड़ खाने वालों को अब सता रही महामारी की चिंता**

इससे पहले गढ़वा के सुंडीपुर गांव में बड़ी संख्या में मरे हुए चमगादड़ मिले थे। कई लोगों ने मरे हुए चमगादड़ों को खा लिया था। अब गांव वालों को महामारी की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों की चिंता को देखते हुए डीसी के निर्देश पर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और चमगादड़ खाने वाले 27 लोगों की जांच की गई है। सभी स्वस्थ बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम चमगादड़ खाने वाले लोगों को आइसोलेट करने पर भी विचार कर रही है।

**हजारीबाग के सरैया और रांची के मोरहाबादी में भी मिले सैकड़ों मरे चमगादड़**

हजारीबाग के सरैया पाठक टोला में 2 दिन पहले सैकड़ों चमगादड़ की मौत हो गई। पाठक टोला में पीपल, बरगद, इमली, सेमल, आम के पेड़ों पर 100 वर्षों से अधिक समय से चमगादड़ों ने डेरा जमाकर रखा है। चमगादड़ों के मरने की खबर आने के बाद वहां लोगों में तरह-तरह की चर्चा है। उधर रांची के मोरहाबादी मैदान के पास स्थित पेड़ों के नीचे भी कई मरे हुए चमगादड़ मिले हैं।

**संभावित कारण और उपाय**

भीषण गर्मी: स्थानीय लोगों और अधिकारियों का मानना है कि भीषण गर्मी के कारण चमगादड़ों की मौतें हो रही हैं, क्योंकि ये पक्षी अधिक गर्मी सहन नहीं कर सकते।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह: प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है और लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है। मृत चमगादड़ों के संपर्क से बचने और उन्हें नहीं खाने की सलाह दी गई है।

इन घटनाओं से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। इसके अलावा, मृत चमगादड़ों के निपटान और संभावित बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

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