यमुनानगर : लघु सचिवालय के सभागार में किया गया जिला स्तरीय अपराध व कानून एवं व्यवस्था समीक्षा गोष्ठी का आयोजन। मीटिंग में पर्यवेक्षण अधिकारी व थाना प्रबंधको को अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने हेतु दिए आवश्यक दिशा निर्देश।
पुलिस अधीक्षक श्री गंगाराम पूनिया ने शनिवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला पुलिस के सभी डीएसपी, इंचार्ज अपराध शाखा, थाना प्रबंधक और चौकी प्रभारी के साथ जिला स्तरीय अपराध व कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे जिले में घटित अपराध के आंकड़ों का विश्लेषण किया व कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु विचार विमर्श किया। मीटिंग में पुलिस अधीक्षक ने अपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए पिछली अपराध समीक्षा गोष्टी में उठाए गए व पुलिस हेडक्वार्टर से प्राप्त हुए बिंदुओ पर थानावार चर्चा की। उन्होंने कहा कि थाना में आने वाली सभी शिकायतों का समय पर निस्तारण करे। झूठी शिकायत मिलने पर नियमनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि झूठी शिकायते देने वालो के दिमाग में कार्रवाई का डर हो और उन्हे बढ़ावा न मिले। लंबित शिकायतों का समयावधि में निपटारा करे। सभी शिकायतों का फीडबैक लिया जा रहा है। जिस पर विशेष नजर रखी जा रही है। साथ ही अस्पताल से आने वाले रुक्को पर को गई कार्रवाई का भी फीड बैक लिया जा रहा है। रुक्को पर समयावधि में कार्रवाई सुनिश्चित करे।
पुलिस अधीक्षक ने कानून एंव व्यवस्था व दर्ज मुकदमों में की जा रही कार्रवाई की समीक्षा ले सभी को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि जिला में महिलाओं की सुरक्षा, अवैध हथियार व मादक पदार्थ तस्करों, अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ सचेत होकर सख्त कानूनी कार्रवाही अमल में लाए। पीओ, बेल जंपर को काबू किया जाए। फुट पेट्रोलिंग के साथ ही सभी मुख्य मार्गों, चोराहों, हाइवें व इंटर स्टेट नाकों पर संदिग्ध वाहनों, व्यक्यिों की चैकिंग की जाए। जेल से बाहर आए अपराधियों पर नजर रखने, रात्रि में प्रभावी गश्त करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। जिन वारदातों का खुलासा नही हुआ है उनका खुलासा कर वैधानिक कार्रवाई की जाए। ताकी अपराध पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने इस दौरान तीन नए आपराधिक कानूनों बारे भी जानकारी देकर इनके तहत कार्रवाई करने के लिए उचित दिशा निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि थाना/चोकी में प्राप्त शिकायतों का कानून के दायरे में रहते हुए प्राथमिकता के आधार पर गुणवत्तापूर्वक निपटारा समयबद्ध रूप से करना सुनिश्चित करें व अनुसन्धाधीन मामलों का निपटारा चरणबद्ध रूप से कम किया जाए ताकि आपराधिक न्याय व्यवस्था में लोगो का विश्वास बढ़े व पीड़ित पक्ष को उचित न्याय मिल सके। पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रबंधकों व चौकी प्रभारियों को कार्य के प्रति निष्ठा, ईमानदारी व लगन से कर्तव्य निर्वाह करने व अपने इलाका में आमजन को शांतिपूर्ण माहौल देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम सभी को टीम के तौर पर अच्छी नियत के साथ ईमानदारी से कार्य करें। पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने थाना के पेंडिंग केसों व केस प्रॉपर्टी का शीघ्र से शीघ्र निपटारा करवाए। पुराने वाहन जो थानों में खड़े हैं उनको डिस्पोज करने हेतु दिशा निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने एसएचओ ट्रैफिक को निर्देश दिए कि वह ट्रैफिक पर विशेष ध्यान देकर जाम की स्थिति पैदा न होने दे। उन्होंने निर्देश दिए की वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने वाले,ओवर स्पीड,बिना नंबर प्लेट तथा बुलेट वाहनों से पटाखे बजाने वालो वाहन चालकों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त व प्रभावी कारवाही करे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिला में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगो को सख्त कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। पुलिस अधीक्षक नें कहा कि हरियाणा सरकार क़ी भ्रष्टाचार के विरुद्व जीरो टालरेंस नीति को दृढ़तापूर्वक लागू करके इसमे संलिप्त किसी भी पुलिस कर्मचारी के विरुद्ध प्रभावी कारवाही की जाएगी। ईमानदारी व नेक नीति से बिना किसी के दबाव में आकर अपना कार्य करें। उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करना है। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर बिना किसी संकोच के उनसे मिल सकते हैं। मीटिंग के अंत में अच्छा कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों को नगद नाम व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक कवलजीत सिंह, महावीर सिंह, देविंदर सिंह, राजेश कुमार, राजीव मिगलानी, रमेश गुलिया तथा सभी थाना प्रबंधक व सभी चौकी इंचार्ज मौजूद रहे।