नई दिल्ली : नीट पेपर लीक मामले में दोबारा परीक्षा आयोजित कराए जाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। शीर्ष अदालत ने दोबारा परीक्षा आयोजित न करने का फैसला सुनाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह तय है कि पेपर लीक हुआ है। हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा में खामी के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। दोबारा परीक्षा कराने की मांग सही नहीं है। इससे छात्रों पर गलत असर पड़ेगा।
इससे पहले सोमवार को नीट एग्जाम में उस सवाल पर चर्चा हुई थी जिसके 2 सही जवाब थे। एक याचिका में कहा गया था कि जिन लोगों ने इस सवाल का उत्तर दिया है उन्हें अंक मिले हैं। याचिका दाखिल करने वाले छात्र ने कहा कि मुझे सवाल का सही उत्तर पता था लेकिन भ्रम की स्थिति बनने से मैंने उसे छोड़ दिया। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर में एक एक्सपर्ट कमेटी गठित कर इस सवाल का सही जवाब निर्धारित करने का निर्देश दिया था। इसके लिए मंगलवार की दोपहर तक का समय शीर्ष अदालत ने दिया था।
नीट का 4 जून को रिजल्ट आने के बाद से पेपर लीक को लेकर छात्रो का आक्रोश सामने आया था। सबसे पहले इस परीक्षा में बिहार में पेपर लीक की खबर ने तूल पकड़ा था। उसके बाद रिजल्ट आने पर परीक्षा में 67 टॉपर और एक ही परीक्षा केंद्र से कई टॉपर आना, एक सवाल के दो उत्तर, ग्रेस मार्क्स जैसे प्वाइंट्स किसी को हजम नहीं हो रहे थे। उसी दौरान नेशनल टेस्टिंंग एजेंसी पर भड़के छात्रों ने पूरे देश में रिजल्ट में हेरफेर और पेपरलीक को लेकर प्रदर्शन किया।
परीक्षा में पेपर लीक के संदेह पर देशभर के हाईकोर्ट में दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर याचिकाओं का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सभी याचिकाओं को सुनने की कार्यवाही शुरू हुई। इस सुनवाई में बिहार पेपर लीक से लेकर हजारीबाग, सीकर और गोधरा तक के मामलों की जांच, एक सवाल के दो उत्तर, सीबीआई जांच जैसे सभी मुद्दों पर बहस हुई। सर्वोच्च अदालत की बेंच ने सभी पहलुओं पर बहस सुनने के बाद यह तय किया कि इस पर जल्द से जल्द फैसला देना होगा, क्योंकि छात्रों को किसी भी हाल में लटकाकर नहीं रख सकते।