नई दिल्ली : सरकार ने सशस्त्र सेनाओं की क्षमता बढ़ाने तथा उनके आधुनिकीकरण के लिए करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां रक्षा खरीद परिषद ने एक लाख 44 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि के 10 पूंजी खरीद प्रस्तावों को आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की। इन सौदों की कुल लागत का 99 प्रतिशत देश में ही डिजाइन, विकसित और निर्मित श्रेणी का होगा।
रक्षा मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इन प्रस्तावों में सेना के टैंक बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए ‘फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआरसीवी) की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है। एफआरसीवी बेहतर गतिशीलता, सभी इलाकों में काम करने की क्षमता, बहुस्तरीय सुरक्षा, सटीक तथा घातक आग पर काबू पाने वाले उपकरणों से लैस मुख्य युद्धक टैंक होगा।
परिषद ने ‘एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार’ की खरीद के लिए भी मंजूरी दी है जो हवाई लक्ष्य का पता लगाएगा और ट्रैक करने के साथ साथ फायरिंग करने में भी सक्षम होगा। फॉरवर्ड रिपेयर टीम (ट्रैक्ड) की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है जिसमें मशीनीकृत संचालन के दौरान इन-सीटू मरम्मत करने के लिए उपयुक्त क्रॉस कंट्री गतिशीलता है। यह उपकरण बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन तथा बख्तरबंद रेजिमेंट दोनों के लिए अधिकृत है।
भारतीय तट रक्षक की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आवश्यकता के आधार पर खरीद के तीन प्रस्ताव मंजूर किये गये हैं। डोर्नियर-228 विमान, खराब मौसम की स्थिति में उच्च परिचालन सुविधाओं वाले अगली पीढ़ी के तेज गश्ती जहाजों और उन्नत तकनीक तथा लंबी दूरी के संचालन वाले अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद से तटरक्षक बल की निगरानी, गश्त करने की क्षमता, खोज एवं बचाव और आपदा राहत अभियान चलाने की क्षमता में वृद्धि होगी।
बैठक के अंत में रक्षा मंत्री ने भारतीय तटरक्षक बल के दिवंगत महानिदेशक राकेश पाल जो खरीद परिषद के सदस्य भी थे को याद किया । श्री पाल का गत 18 अगस्त को चेन्नई में अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। रक्षा मंत्री ने तटरक्षक बल के विकास और विस्तार में महानिदेशक राकेश पाल के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति रक्षा मंत्रालय की ओर से हार्दिक संवेदना, प्रार्थना और अटूट समर्थन व्यक्त किया। परिषद के सभी सदस्यों ने खड़े होकर उनके सम्मान में एक मिनट का मौन रखा।