मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी के भीतर नहीं स्थापित किया जाएगा कोई भी बूथ- जिला निर्वाचन अधिकारी

Published Date: 03-10-2024

यमुनानगर की चारों विधानसभाओं में बनाएं गए है 979 मतदान केन्द्र, मतदान केन्द्रों पर कानून बनाएं रखने के लिए करनी होगी आदेशों की पालना, आदर्श आचार संहिता की उल्लंघना करने पर होगी सख्त कार्रवाई

यमुनानगर, 3 अक्तूबर- जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि जिला की चारों विधानसभा क्षेत्रों में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। इसके लिए जिले में 979 मतदान केंद्रों की स्थापना की गई है। इस बात की संभावना है कि स्थापित मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ हो सकती है और कुछ लोग मतदाताओं के सुचारू प्रवाह में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास कर सकते हैं तथा मतदान केंद्रों के आसपास निषिद्ध क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने का प्रयास कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
उन्होंने कहा है कि भारत के चुनाव आयोग ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा मतदान केंद्रों के आस-पास निषिद्ध क्षेत्र में चुनाव प्रचार की रोकथाम तथा उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव बूथ स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, भारत के चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुपालन तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा पूरे यमुनानगर जिले में मतदान केंद्रों के आस-पास निषिद्ध क्षेत्र में चुनाव प्रचार की रोकथाम के लिए तत्काल निर्देश जारी किए गए है। इन आदेशों के तहत राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों द्वारा मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी के भीतर कोई भी बूथ स्थापित नहीं किया जाएगा। यहां तक कि जहां एक ही मतदान केंद्र परिसर में एक से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, ऐसे परिसर से 200 मीटर की दूरी से परे मतदान केंद्रों के ऐसे समूह के लिए उम्मीदवार का केवल एक बूथ होगा, प्रत्येक बूथ पर केवल एक मेज और दो £ुकुर्सियां उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनके साथ बूथ पर उन कुर्सियों पर बैठे दो व्यक्तियों को मौसम की स्थिति से बचाने के लिए एक छाता या तिरपाल या कपड़े का टुकड़ा होगा। ऐसे बूथ को कनात या टेंट आदि से घेरा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे बूथ स्थापित करने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को, मतदान केंद्रों के नाम और क्रमांक पहले से ही आरओ को लिखित रूप में सूचित करना होगा, जहां उनके द्वारा ऐसे बूथ स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। ऐसे बूथ स्थापित करने से पहले उसे संबंधित सरकारी अधिकारियों या स्थानीय अधिकारियों जैसे नगर परिषद/समिति, जिला परिषद, नगर क्षेत्र समितियों, पंचायत समितियों, ग्राम पंचायत आदि से संबंधित स्थानीय कानूनों के तहत पूर्व लिखित अनुमति लेनी होगी। ऐसी लिखित अनुमति बूथ का रखरखाव करने वाले व्यक्ति के पास उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि मांग किए जाने पर संबंधित पुलिस/चुनाव अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जा सके। ऐसे बूथों का उपयोग केवल मतदाताओं को अनौपचारिक पहचान पर्चियां जारी करने के एकमात्र उद्देश्य के लिए किया जाएगा। ये अनौपचारिक पहचान पर्चियां उम्मीदवार के नाम या प्रतीक या राजनीतिक दल के नाम के बिना आयोग के निर्देशों के अनुसार सख्ती से मुद्रित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रत्येक बूथ पर उम्मीदवार, उसकी पार्टी और उसे आवंटित चुनाव चिह्न का नाम प्रदर्शित करने के लिए केवल एक बैनर की अनुमति होगी, बशर्ते कि ऐसा बैनर लंबाई और चौड़ाई में तीन फीट गुणा 4/1/2 फीट से अधिक न हो। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसी भी बैनर को कानून और व्यवस्था बनाए रखने वाले अधिकारियों द्वारा हटा दिया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में ऐसे बूथों पर भीड़ एकत्र नहीं होने दी जाएगी और न ही मतदान केंद्र पर पहले से वोट डाल चुके किसी व्यक्ति को बूथ पर आने दिया जाएगा। यह उस व्यक्ति की बाईं तर्जनी या किसी अन्य उंगली पर अमिट स्याही के निशान से स्पष्ट होगा। बूथों पर तैनात व्यक्ति मतदाताओं के मतदान केंद्रों पर जाने में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे या उन्हें अन्य उम्मीदवारों के बूथों पर जाने से नहीं रोकेंगे या मतदाताओं के अपनी स्वतंत्र इच्छा के अनुसार अपने मताधिकार का प्रयोग करने के अधिकार में किसी भी प्रकार की अन्य बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी मतदाता को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं किया जाएगा कि वह विशेष बूथ से अनौपचारिक पहचान पर्ची लेने आए या यदि वह अपनी इच्छा से ऐसे बूथ पर आता है तो चुनाव लड़ रहे किसी भी दल/उम्मीदवार के पक्ष में या उसके खिलाफ मतदान करे। किसी भी व्यक्ति को मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में, जिन्हें मतदान केंद्र पड़ोस कहा जाता है तथा मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल फोन, ताररहित फोन, वायरलेस सेट आदि ले जाने या उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि ये निर्देश कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी वाले पुलिस अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों, ड्यूटी मजिस्ट्रेटों, चुनाव ड्यूटी पर तैनात सेक्टर अधिकारियों आदि पर लागू नहीं होंगे।

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