बांग्लादेश सरकार का बड़ा आरोप, अचानक गायब हुए 3500 लोगों के पीछे शेख हसीना का हाथ

Published Date: 15-12-2024

नई दिल्ली  :  बांग्लादेश में एक चौंकाने वाले खुलासे के अनुसार, 3500 से अधिक लोग लापता हो गए हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा गठित एक जांच आयोग ने इस मामले में एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन गायब होने की घटनाओं में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके शासन के शीर्ष सैन्य एवं पुलिस अधिकारी शामिल थे।

आयोग ने शनिवार को मोहम्मद यूनुस को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसका शीर्षक है “सत्य का खुलासा”। रिपोर्ट के अनुसार, आयोग को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि शेख हसीना के निर्देश पर ही लोगों को जबरन गायब किया गया था। रिपोर्ट में शेख हसीना के रक्षा सलाहकार, राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र के पूर्व महानिदेशक और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।

आयोग ने यह अनुमान लगाया है कि गायब हुए लोगों की संख्या 3500 से भी अधिक हो सकती है। यह मामला बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा तूफान लाने वाला है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इस मामले में शामिल कई पूर्व सैन्य और पुलिस अधिकारी देश से फरार हो गए हैं। माना जा रहा है कि ये अधिकारी 5 अगस्त को हुए विद्रोह के बाद देश छोड़कर चले गए थे। आयोग के अध्यक्ष, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मैनुल इस्लाम चौधरी ने बताया कि जांच के दौरान उन्हें एक सुनियोजित तरीके से इन घटनाओं को छुपाने का सबूत मिला है। उन्होंने कहा कि लोगों को गायब करने वाले लोगों को भी पीड़ितों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिस की रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां मिलकर लोगों को जबरन उठाकर ले जाती थीं, उन्हें प्रताड़ित करती थीं और हिरासत में रखती थीं। आयोग ने आतंकवाद रोधी अधिनियम में संशोधन करने और आरएबी को भंग करने की सिफारिश की है। 

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