मुंबई : भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट देखने को मिली है। गुरुवार को सेंसेक्स 964 अंक गिरकर 79,218.05 पर और निफ्टी 247 अंक गिरकर 23,951.70 पर बंद हुआ। बाजार में इस गिरावट की मुख्य वजह वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव और कुछ घरेलू कारण बताए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती महंगाई और केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के फैसले से निवेशकों की चिंता बढ़ी है।
सेंसेक्स में सिर्फ तीन शेयर ही हरे निशान में बंद हुए, बाकी सभी लाल निशान में रहे। बजाज फिनसर्व सबसे बड़ा हारने वाला रहा। छोटे और मंझले-कैप शेयरों ने भी बड़ी गिरावट दर्ज की। इस गिरावट से निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 3 लाख करोड़ रुपये घट गया है। पिछले चार दिनों में निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए। लंबे समय के लिए निवेश करने वाले निवेशकों को इस अल्पकालिक गिरावट से ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। वैश्विक घटनाक्रमों और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर बाजार की प्रतिक्रिया निर्भर करेगी।
भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक अस्थायी स्थिति है और बाजार जल्द ही पटरी पर लौट आएगा।