नई दिल्ली : भारत सरकार ने केवाईसी डाटा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने प्रस्तावित किया है कि आधार, पैन, वोटर कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर जैसी सेंसिटिव जानकारी को गलत इस्तेमाल से बचाने के लिए इन नंबरों को मास्क किया जाएगा।
यह बदलाव पहले दिसंबर 2024 में लागू होने वाला था, लेकिन अब सरकार ने इसे 20 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया है। इस बदलाव से नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा में और भी मजबूती आएगी, और इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कम होगा। सरकार के इस कदम को नागरिकों की गोपनीयता को सुनिश्चित करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
क्या है नया सिस्टम?
सरकार ने केन्द्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (CKYCRR) के माध्यम से एक नया सिस्टम लागू किया है, जो केवाईसी डाटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। इस सिस्टम के तहत अब से केवाईसी डॉक्यूमेंट्स में केवल इन आईडी के आखिरी चार अंक ही दिखाई देंगे, जबकि बाकी की जानकारी पूरी तरह से छिपा दी जाएगी। इसके अलावा, दो-स्तरीय सत्यापन की प्रक्रिया भी लागू की गई है, जिसके तहत यदि किसी संस्था को पूरी केवाईसी जानकारी देखनी है, तो उसे पहले खुद को वेरिफाई करना होगा और फिर डेटा को डाउनलोड करना होगा। इसके साथ ही, केवाईसी जानकारी को केवल विशिष्ट आईपी एड्रेस से ही एक्सेस किया जा सकेगा, ताकि अनधिकृत पहुंच को रोका जा सके और नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा की जा सके।
क्यों है यह बदलाव महत्वपूर्ण ?
यह बदलाव कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, इससे सुरक्षा बढ़ेगी, क्योंकि यह डेटा चोरी और धोखाधड़ी के खतरे को कम करेगा। अब, केवाईसी डाटा में केवल आखिरी चार अंक दिखाई देंगे, जिससे व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा और भी मजबूत होगी। इसके साथ ही, नागरिकों की गोपनीयता भी सुनिश्चित होगी, क्योंकि उनकी संवेदनशील जानकारी को पूरी तरह से छिपा दिया जाएगा। इस कदम से सरकारी सिस्टम पर नागरिकों का विश्वास भी बढ़ेगा, क्योंकि उन्हें यह महसूस होगा कि उनकी जानकारी सुरक्षित है और उसका गलत इस्तेमाल नहीं हो सकता।
कब से लागू होगा यह नियम?
यह नया सिस्टम 20 जनवरी, 2025 से पूरी तरह लागू हो जाएगा। सभी सरकारी और निजी संस्थानों को इस नए सिस्टम को अपनाना होगा। सरकार का यह कदम डिजिटल भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे नागरिकों को सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल सेवाएं मिल सकेंगी।