3 घंटे में चोरों ने काटे 42 लॉकर, सायरन तक नहीं बजा
लखनऊ : अयोध्या हाईवे के पास इंडियन ओवरसीज बैंक में तीन घंटे तक चोरों ने बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दिया। 42 लॉकर काटकर करोड़ों रुपये के आभूषण समेटकर चोर फरार हो गए। इस घटना ने पुलिस कमिश्नर द्वारा पिछले महीने गठित नाइट जोनल पुलिसिंग की पोल खोल दी।
सूत्रों के मुताबिक, बैंक में सुरक्षा के लिए लगा सायरन खराब था, और वहां कोई सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं था। उपभोक्ताओं ने बताया कि दिन में भी बैंक में कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं रहता। यह स्थिति तब है जब दो महीने पहले बैंक की एसी की आउटडोर यूनिट और एटीएम में छेड़छाड़ की घटनाएं हो चुकी थीं।
पुलिस कमिश्नर द्वारा रात्रि अपराध नियंत्रण के लिए गठित नाइट जोनल पुलिसिंग में एक एडीसीपी और दो एसीपी की तैनाती की गई थी। इन्हें रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक सक्रिय रहने का निर्देश था। ऑपरेशनल कमांडर को थानों में अतिरिक्त निरीक्षकों और गश्त करने वाले पुलिस कर्मियों की गतिविधियों पर नजर रखनी थी। इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना ने इस व्यवस्था की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के बाद लॉकर उपभोक्ताओं को मुआवजे की प्रक्रिया पर भी चर्चा शुरू हो गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 2021 के नियमों के अनुसार, लॉकर का किराया 1,000 से 4,000 रुपये वार्षिक होता है। उपभोक्ता को दुर्घटना की स्थिति में केवल किराए के 100 गुना तक का मुआवजा मिलेगा, जबकि लॉकर में रखे जेवरात की कीमत की भरपाई नहीं होगी।
चोरी के दौरान बैंक में सायरन ने काम नहीं किया। एडीसीपी पंकज सिंह ने बताया कि जब बैंक मैनेजर से सायरन के खराब होने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। उनका दावा था कि चोरों ने सायरन को उखाड़ दिया था। एडीसीपी ने कहा कि यदि सायरन को छेड़ा गया होता, तो इसका मैसेज मिलना चाहिए था। मामले में बैंक अधिकारियों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।