सज्जन कुमार को 41 साल बाद दोषी ठहराए जाने के फैसले का स्वागत: हरमीत सिंह कालका, जगदीप सिंह काहलो
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 1984 के सिख कत्लेआम मामले में राऊज़ एवेन्यू कोर्ट द्वारा कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए अपील की है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए सज्जन कुमार को फांसी की सजा दी जाए।
यहां जारी किए गए एक बयान में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलो ने कहा कि भले ही अदालत का फैसला 1984 के सिख कत्लेआम के 41 साल बाद आया है, लेकिन यह सिख समुदाय के लिए बहुत बड़ी राहत है। उन्होंने यह भी बताया कि यह मामला जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह के हत्या से संबंधित है और इस संदर्भ में थाना सरस्वती विहार में एफआईआर नंबर 458/91 के तहत धारा 147, 148, 149, 302, 308, 323, 395, 427, 436 और 440 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया था।
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उन्होंने कहा कि वे अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं और अपील करते हैं कि दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाए। अदालत द्वारा 18 फरवरी 2025 को दलीलें सुनने के बाद सजा का ऐलान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक बात है कि समय-समय की सरकारों ने सिख समुदाय को न्याय देने के बजाय, इस कत्लेआम में शामिल दोषियों को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पीड़ितों/गवाहों के बयान अदालत में दर्ज करवाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया, जिन्होंने बंद पड़े मामलों की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।