बलूचिस्तान विद्रोहियों द्वारा पाकिस्तानी सेना के 182 जवान बंधक, सेना और सरकार अलर्ट पर

Published Date: 11-03-2025

पाकिस्तान: बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर उसे हाईजैक कर लिया। इस ट्रेन में लगभग 400 यात्री सवार थे, जिनमें से लगभग 182 पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। विद्रोहियों ने ट्रेन को रोककर यात्रियों को बंधक बना लिया है और चेतावनी दी है कि अगर उन पर हमला किया गया तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।

घटना का विवरण जाफर एक्सप्रेस ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी। जब ट्रेन सुरंग संख्या 8 से गुजर रही थी, तभी हथियारबंद बलूच विद्रोहियों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने गोलीबारी करते हुए ट्रेन को रोक लिया और यात्रियों को कब्जे में ले लिया।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नौ डिब्बों वाली इस ट्रेन में लगभग 500 लोग सवार थे। बीएलए ने दावा किया है कि उन्होंने पूरी ट्रेन पर कब्जा कर लिया है। इस हमले में अब तक छह पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जो ट्रेन की सुरक्षा में तैनात थे।

कौन हैं बलूच विद्रोही?- बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) बलूचिस्तान के स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाला एक प्रमुख संगठन है। यह संगठन लंबे समय से पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। बलूचिस्तान क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उनके संसाधनों का शोषण कर रही है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर रही है।

पाकिस्तानी सेना और सरकार की स्थिति घटना की जानकारी मिलते ही पाकिस्तानी सेना और सरकार अलर्ट पर आ गई हैं। बलूचिस्तान सरकार ने आपातकालीन स्थिति घोषित करते हुए सभी संस्थानों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

सरकार ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन इस घटना ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर इसलिए क्योंकि ट्रेन में कई सैन्य अधिकारी और आईएसआई के सदस्य मौजूद थे।

विद्रोहियों की चेतावनी– बीएलए के प्रवक्ता ने कहा है कि यह ऑपरेशन “मजीद ब्रिगेड फतेह स्क्वाड” द्वारा अंजाम दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि पाकिस्तानी सेना कोई कार्रवाई करती है तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।

बलूच विद्रोहियों ने यह भी बताया कि उन्होंने बोलन इलाके में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया है ताकि बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सके।

बचाव कार्यों में मुश्किलें घटनास्थल एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने के कारण राहत और बचाव कार्यों में कठिनाई हो रही है। रेलवे कंट्रोलर मुहम्मद काशिफ ने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए हैं, लेकिन चट्टानी इलाके की वजह से वहां पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।

सुरक्षा विशेषज्ञों की राय– विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। ट्रेन में मौजूद सैन्य अधिकारियों और आईएसआई सदस्यों की उपस्थिति से यह साफ होता है कि विद्रोहियों ने इस ऑपरेशन को बहुत सोच-समझकर अंजाम दिया है।

निष्कर्ष– यह घटना न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि बलूचिस्तान में बढ़ते असंतोष और विद्रोह को भी दिखाती है। अब देखना होगा कि पाकिस्तानी सेना और सरकार इस संकट से कैसे निपटती हैं और बंधकों को सुरक्षित रिहा कराने में कितनी सफल होती हैं।

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