केंद्र के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में 2% की वृद्धि

Published Date: 28-03-2025

बिहार में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड आरा-सासाराम कॉरिडोर को हरी झंडी

नई दिल्ली , 28 मार्च – केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए योजनाओं की झड़ी लगा दी है। इसमें बिहार में 4-लेन ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर 120.10 किमी के निर्माण को हरी झंडी दे दी। इसके अलावा साल दर साल कोसी के कहर से लोगों को बचाने के लिए एक बहु प्रशिक्षित योजना कोसी मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना पर भी मुहर लगा दी है।
 केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर से क्षेत्रीय और अंतरराज्यीय संपर्क बढ़ेगा और यात्रा का समय कम होगा । इसकी अनुमानित लागत 3,712 करोड़ रुपये है। चार लेन वाला यह मार्ग हाइब्रिड एन्युटी मोड-एचएएम पर विकसित किया जाएगा।  मौजूदा समय में सासाराम, आरा और पटना के बीच संपर्क मौजूदा राज्य के बनाए राजमार्गों पर निर्भर करता है, इससे यातायात की दुश्वारियां होती हैं।  इसके चलते इस सफर को तय करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं।
ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किलोमीटर के बढ़ने के साथ एक ग्रीन फील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।  आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसी घनी आबादी  वाले इलाके भी यातायात के लिहाज से हल्के हो सकेंगे।   इस कॉरिडोर के बनने से लखनऊ,पटना, रांची और वाराणसी के मध्य संपर्क और बेहतर हो जाए। इससे 48 लाख मानव दिवसों के बराबर रोजगार भी सृजित होंगे।
इसके अलावा कैबिनेट ने उर्वरक खरीद के लिए सब्सिडी और इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना को मंजूरी दी। आर्थिक मामलों के मंत्री मंडल ने कोसी मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना को मंजूरी दी है। इसका मकसद राज्य में संपर्क को बढ़ाना और कृषि सिंचाई को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- पीएमकेएसवाई- एआईबीपी में इस योजना को मंजूरी दी है। कुल योजना 6,282.32 करोड़ की है। इसमें राज्य का हिस्सा छोड़कर केंद्र से 3,652.56 करोड़ रुपया मिलेगा। इस 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना का उद्देश्य कोसी नदी के अतिरिक्त पानी को महानंदा बेसिन में कृषि भूमि की सिंचाई के लिए मोड़ना है। इससे अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 2.10 लाख हेक्टेयर का क्षेत्रफल लाभान्वित होगा। बाढ़ से मुक्ति मिलेगी। बेहतर जल वितरण के लिए पूर्वी कोसी मुख्य नहर-ईडीएमसी का उन्नयन सुनिश्चित हो सकेगा। पूरे क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा।  
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना को मंजूरी दी। इस योजना से 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार जुड़ेंगे। इसका लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रानिक्स आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाना है।  इलेक्ट्रॉनिक्स शीर्ष-3 निर्यातित वस्तुओं में से एक है । इस पहल से घरेलू और वैश्विक स्तर पर बड़े निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे और एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 59,350 करोड़ का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है। इससे 4,56,500 करोड़ के उत्पादों का उत्पादन हो सकेगा।  यह योजना छह साल के लिए है, इसमे एक साल का गर्भावधि शुल्क शामिल है। इसके साथ की प्रोत्साहन रोजगार सृजन  के लक्ष्यों को प्राप्त करने के अनुसार किया जाएगा।  
इस योजना से निर्यात बढ़ाने, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग के हब के रुप में भारत दुनिया के नक्शे पर स्थापित हो सकेगा।  
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने  इस साल खरीफ मौसम के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक उर्वरकों पर खरीफ, 2025 के लिए 37,216 करोड़ रुपयों की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को भी मंजूरी दी है। इसका मकसद मिट्टी की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उसे पोषक तत्व उपलब्ध कराना है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि खरीफ सीजन के लिए यह पहल खेती किसानी के लिहाज से खासी अहम है।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि डीएपी-डायअमोनिया फॉस्टेट की खुदरा कीमत वर्तमान स्तर पर बनी रहें। खरीफ सीजन के लिए सब्सिडी राशि की आवश्यकता करीब 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक है, जो रबी सीजन 2024-25 के बजटीय प्रावधानों से ज्यादा है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते व महंगाई राहत (डीए व डीआर) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दे दी है।  इस संशोधन के साथ, डीए और डीआर 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा। इससे कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन में वृद्धि होगी। पिछली बार डीए में वृद्धि जुलाई 2024 में हुई थी, जब इसे 50% से बढ़ाकर 53% किया गया था।

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