भारत के कड़े कदमों से हिला पाकिस्तान-सर्जिकल स्ट्राइक के डर से स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट

Published Date: 24-04-2025

नई दिल्ली:पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और रणनीतिक मोर्चों पर सख्त रुख अपनाया है। इसका सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ता दिख रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका से घबराए पाकिस्तान में स्टॉक मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाया है। भारत सरकार की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने, वाघा-अटारी सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद करने, और SAARC ढांचे के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने वाली वीजा छूट को रद्द करने जैसे कठोर कदम उठाए गए हैं। इन कूटनीतिक प्रहारों ने पाकिस्तान को गहरे आर्थिक संकट में डाल दिया है।

इन घटनाओं के बाद पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। इसका सीधा असर पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) पर देखने को मिला, जहां गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) सूचकांक में दोपहर 1:40 बजे तक करीब 1.37% या 1,623.88 अंक की गिरावट आई, जिससे यह 115,618.52 अंक पर आ गया।

इससे पहले बुधवार को भी IMF द्वारा पाकिस्तान की विकास दर घटाकर 2.6% करने के ऐलान के बाद बाजार में गिरावट देखी गई थी। लगातार दो दिनों की गिरावट ने निवेशकों में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की अलग-थलग स्थिति ने विदेशी निवेशकों को भी डरा दिया है।

इस बीच पाकिस्तानी मीडिया और राजनैतिक हलकों में भी भारत द्वारा की जाने वाली किसी बड़ी कार्रवाई की चर्चा जोरों पर है। सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सीमाई इलाकों में हलचल तेज हो गई है।

विशेषज्ञों की राय:
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान पहले से ही गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। IMF के कड़े ऋण शर्तों, राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। अब भारत की ओर से उठाए गए कदम और संभावित सैन्य कार्रवाई का डर देश की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा है।
भारत की सख्त कूटनीति और आतंकी हमले पर कठोर प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। जहां एक ओर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते दबाव और अलग-थलग पड़ने की स्थिति का सामना कर रहा है। आने वाले दिनों में यह तनाव और भी गहराने की आशंका जताई जा रही है।

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