पाकिस्तान समर्थक बयानों पर मुस्लिम समाज का कड़ा फैसला-सामाजिक बहिष्कार

Published Date: 25-04-2025

मो. नौशाद के परिवार का किया सामाजिक बहिष्कार

बोकारो: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर खुशी मनाने और पाकिस्तान तथा आतंकवादियों का समर्थन करने वाले मोहम्मद नौशाद और उसके परिवार के खिलाफ बोकारो जिले के मुस्लिम समाज ने सख्त रुख अपनाते हुए सामाजिक बहिष्कार का निर्णय लिया है। यह फैसला गुरुवार को मखदुमपुर हैसाबातु पूर्वी स्थित मुखिया कार्यालय में आयोजित एक आपातकालीन बैठक के दौरान लिया गया।

इस बैठक में बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी, युवावर्ग एवं समाजसेवी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी मशकूर आलम सिद्दीकी ने पत्रकारों को जानकारी दी कि अब से मुस्लिम समाज का कोई भी व्यक्ति मोहम्मद नौशाद और उसके परिवार के किसी भी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक या पारिवारिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय समाज की भावनाओं, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

मशकूर आलम सिद्दीकी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद का समर्थन करना या किसी देश विरोधी गतिविधि को प्रोत्साहन देना समाज और देश दोनों के लिए घातक है। ऐसे लोगों को माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि समाज का यह फैसला एक सख्त संदेश है कि कोई भी व्यक्ति अगर देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसका समर्थन नहीं किया जाएगा।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मुस्लिम समाज देशभक्ति में कभी पीछे नहीं रहा है और हमेशा से देश की अखंडता व सुरक्षा के साथ खड़ा रहा है। ऐसी किसी भी मानसिकता का समर्थन समाज नहीं करेगा जो राष्ट्रविरोधी हो या आतंकवाद के प्रति सहानुभूति रखती हो।

इस निर्णय की जानकारी जिला प्रशासन को भी दी गई है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी प्रकार की अफवाहें ना फैलें। समाज ने प्रशासन से भी अपील की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि पहलगाम हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिससे पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। ऐसे में किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि का समर्थन करना न केवल अमानवीय है, बल्कि देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

मुस्लिम समाज के इस निर्णय को क्षेत्र के अन्य समुदायों ने भी सराहा है और इसे आपसी भाईचारे व राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है।

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