हाईवे जाम, सरकारी इमारतों में आगजनी, पाक सेना पर संकट गहराया
नई दिल्ली:बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग को लेकर सक्रिय बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने शुक्रवार और शनिवार को पाकिस्तानी सेना और सरकारी संस्थानों पर जबरदस्त हमला बोला। कलात जिले के मोंगोचर इलाके में बीएलए के लड़ाकों ने क्वेटा-कराची राष्ट्रीय राजमार्ग (एन-25) पर धावा बोलकर हाईवे को घंटों के लिए पूरी तरह जाम कर दिया। बीएलए के फतह स्क्वाड के आतंकियों ने बसों और निजी वाहनों की तलाशी ली, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई और पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया।
हमलावरों ने एनएडीआरए कार्यालय, न्यायिक परिसर और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान सहित कई प्रमुख सरकारी इमारतों पर कब्जा कर उन्हें आग के हवाले कर दिया। बीएलए ने इस पूरी कार्रवाई को अपने “आज़ादी के संघर्ष” का हिस्सा बताया है। इसी दौरान गदानी जेल से क्वेटा कैदियों को ले जा रही एक पुलिस वैन को भी आतंकियों ने निशाना बनाया। उन्होंने वैन को रोककर 10 से अधिक कैदियों को छुड़ा लिया और पांच पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। हालांकि, वैन ड्राइवर और दो अधिकारियों को बाद में रिहा कर दिया गया।
बलूचिस्तान के अन्य इलाकों-क्वेटा, उतहल, सोहबतपुर, पंजगुर, केच, मस्तुंग और काची-में भी बीएलए और अन्य बलूच विद्रोही संगठनों ने पाकिस्तानी सेना पर हमले किए हैं। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी झंडे हटाकर बलूच झंडा फहराने के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में विद्रोह की भावना और तेज हो गई है। शुक्रवार को क्वेटा के फैजाबाद में सेना के काफिले पर हमला और सिब्बी में सैन्य शिविर पर हथगोले से हमला किया गया। बोलान के माच इलाके में बीएलए ने पाकिस्तानी सेना के वाहन को रिमोट आईईडी से उड़ा दिया, जिसमें 12 से 14 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। पिछले 24 घंटे में पाक सेना पर यह दूसरा बड़ा हमला था।
इन घटनाओं के बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और हाईवे पर यातायात बहाल करने की कोशिश की, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रहे हमलों और पाक सेना को हो रहे नुकसान ने पाकिस्तान सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बलूच आंदोलन को समर्थन मिल रहा है। बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) ने नीदरलैंड के उट्रेक्ट शहर में पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बलूच लोगों के पक्ष में आवाज उठाने और पाकिस्तान की “मार डालो और फेंको” नीति, जबरन गायब करने और अल्पसंख्यकों के शोषण की निंदा करने की अपील की गई।
बलूचिस्तान में हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं। पाकिस्तानी सेना पर दबाव लगातार बढ़ रहा है और कई इलाकों में उसकी पकड़ कमजोर पड़ती दिख रही है। भारत के साथ सीमा पर तनाव, आतंकी घटनाएं और बलूच विद्रोह ने पाकिस्तान को चौतरफा संकट में डाल दिया है। शनिवार, 10 मई 2025 की ताजा जानकारी के मुताबिक, बलूच विद्रोहियों के हमले जारी हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।